शनिदेव न्याय प्रिय देवता हैं तथा मनुष्य को उसके कर्मों के आधार पर फल देते हैं. हिंदू पंचांग में ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है. इस दिन पूजा-अर्चना करने से शनिदेव की खास कृपा मिलती है. शनि देव भगवान सूर्य एवं छाया के पुत्र माने जाते हैं. वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, शनि को पापी ग्रह माना जाता है. शनिग्रह सबसे धीमी चाल चलने वाला ग्रह है, जिसको शनि की ढैय्या बोला जाता है.
शनि जयंती पर दान-दक्षिणा की भी खास अहमियत होती है. हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन शनिदेव का का जन्म हुआ था. इस बार शनि जयंती 19 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन शनि देव के पूजन का खास विधान है. शनि न्याय करने वाले देव हैं तथन इंसानों को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं इसलिए जब व्यक्ति बुरे कर्म करता है तो शनिदेव उसे दंड देते हैं तथा अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे नतीजे देते हैं.
शनि जयंती शुभ मुहूर्त:-
शनि जंयती - 19 मई 2023, शुक्रवार
अमावस्या तिथि प्रारंभ - मई 18, 2023 को रात 09 बजकर 42 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त - मई 19, 2023 को रात 09 बजकर 22 मिनट तक
शनि जयंती शुभ संयोग:-
शनि जयंती के दिन शोभन योग का निर्माण होने जा रहा है, जो 18 मई को शाम 07 बजकर 37 मिनट से 19 मई को शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. साथ ही वट सावित्री व्रत एवं ज्येष्ठ अमावस्या भी पड़ रही है. वहीं, इस दिन शनि देव स्वराशि कुंभ में विराजमान रहेंगे, जिससे शुभ योग बन रहा है. ऐसे में शनि देव की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होगी. इसके साथ इस दिन चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में होंगे जिससे गजकेसरी योग बन रहा है.
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