Video: 'आप गाते रहें अल्लाह-हू-अकबर, लेकिन मुस्लिम कभी हर-हर महादेव नहीं बोलेगा'
Video: 'आप गाते रहें अल्लाह-हू-अकबर, लेकिन मुस्लिम कभी हर-हर महादेव नहीं बोलेगा'
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान मोर्चा की महापंचायत के दौरान अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाने वाले भाकियू नेता राकेश टिकैत से कुछ लोग काफी नाराज नज़र आ रहे हैं। मुज़फ्फरनगर के स्थानीय निवासी शाहिद हुसैन ने टिकैत के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। किसान नेता पर शाहिद हुसैन की प्रतिक्रिया का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ट्विटर पर चार्टर्ड अकाउंटेंट आलोक भट्ट ने उनका वीडियो पोस्ट किया है। जब शाहीद से सवाल किया गया कि राकेश टिकैत ने अल्लाह-हू-अकबर और हर हर महादेव का नारा दिया इसमें क्या समस्या हो गई। 

 

इस पर हुसैन ने कहा कि, 'मुसलमान हर हर महादेव नहीं बोलेगा। यह आज का कोई एकांकी नाटक नहीं है। महात्मा गाँधी भी हिंदू-मुस्लिम भाई चारा बढ़ाने के लिए, हर दिन ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान गाते रहते थे, मगर मुसलमानों ने यह गाना कभी भी नहीं गाया। यहाँ तक की देश का बंटवारा भी हो गया, तभी भी इसे किसी भी मुसलमान ने नहीं गाया।' शाहीद हुसैन ने आगे कहा कि, 'आज किसान के नाम पर राकेश टिकैत सियासत कर रहे हैं। जहाँ तक उनके अल्लाह-हू-अकबर और उसके प्रतिवाद में हर हर महादेव कहने की बात है, तो वो कहते रहें। मगर एक मुसलमान कभी भी हर हर महादेव नहीं बोलेगा। ऐतिहासिक रूप से मुझे इसकी जानकारी है।' जब हुसैन से सवाल किया गया कि क्या आप नहीं चाहते कि हिंदू-मुस्लिम भाई चारा बढ़े।

इस पर उन्होंने ना में जवाब देते हुए कहा कि, 'भारत में हिंदू-मुस्लिम भाई चारा ना कभी संभव था, ना है और ना कभी रहेगा। दोनों की विचारधारा का मौलिक अंतर है। जहाँ जहाँ इस्लाम गया, वहाँ इस्लामिक सिद्धांत को छोड़कर बाकी सब फेल हुआ। यदि अखंड भारत की बात करें तो आज का अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश इसी का हिस्सा थे, जो हिस्सा भारत से बँट गया, वहां से 'हर हर महादेव' कट गया और सिर्फ अल्लाह-हू-अकबर रह गया। यहाँ भी जो हिस्सा कट जाएगा उसमें 'अल्लाह-हू-अकबर' रह जाएगा और शेष हिस्से में 'हर हर महादेव' रह जाएगा। उन्होंंने कहा कि ये गाना टिकैट हर दिन गाते रहें, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।' मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर जब उनसे पुछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि ये दंगे भाजपा ने नहीं कराए थे, बल्कि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नाम पर राकेश टिकैत ने हर मंच तैयार किया था। 27 तारीख को सचिन और गौरव के क़त्ल के बाद सबसे पहले वहाँ जाने वाले आमिर आलम और राकेश टिकैत ही थे। इसके बाद 31 तारीख को ऐलान करने वाले भी राकेश टिकैत थे। हुसैन ने कहा कि, 'जहाँ तक किसान यूनियन और राकेश टिकैत की बात है तो ये दोनों एक ही हैं। दोनों का एक ही उद्देश्य है 'सत्ता पर काबिज होना'। वर्तमान में ये सिर्फ सियासत में आना और अपना लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं।'

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