हर साल हनुमान जयंती का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है। आप सभी को बता दें कि इस साल हनुमान जयंती का पर्व 27 अप्रैल को मनाया जाने वाला है। ऐसे में इस दिन 5 साबर मंत्र सिद्ध कर लिए जाए तो बड़े लाभ होते हैं। जी दरअसल वैदिक, पौराणिक एवं तांत्रिक मंत्रों के समान ‘शाबर-मंत्र’ भी अनादि और अचूक हैं। वहीं इन सभी मंत्रों के प्रवर्तक मूल रूप से भगवान शंकर ही हैं, लेकिन शाबर मंत्रों के प्रवर्तक भगवान शंकर प्रत्यक्षतया नहीं हैं। आप सभी को बता दें कि इन मंत्रों के प्रवर्तक शिव भक्त गुरु गोरखनाथ तथा गुरु मत्स्येंद्र नाथ को माना जाता है। अब हम आपको बताने जा रहे हैं हनुमानजी के ऐसे 5 शाबर-मंत्र जिन्हें सिद्ध करने के बाद कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
1. पहला साबर मंत्र : ओम गुरुजी को आदेश गुरुजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।।
आप इन मंत्र को सात बार पढ़कर चाकू से अपने चारों तरफ रक्षा रेखा खींच ले। ध्यान रहे रेखा गोलाकार होनी चाहिए।
2. दूसरा मंत्र :
बिस्तर के आस-पास।
हवेली के आस-पास।
छप्पन सौ यादव।
लंका-सी कोट,
समुद्र-सी खाई।
राजा रामचंद्र की दुहाई।
3. साबर अढाईआ मंत्र :-
॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा,
तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥
4. ॐ नमो बजर का कोठा,
जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला,
हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
5. श्री हनुमान मंत्र (जंजीरा)
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ
नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान (हनुमान)
हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा
डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे
ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट
पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।
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