दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बीते मंगलवार देर रात एम्स में निधन हो गया. खबरों के मुताबिक़ सीने में दर्द की शिकायत के बाद 67 वर्षीय सुषमा को रात 9:35 बजे एम्स लाया गया था और हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. वहीँ उन्होंने अपने अंतिम ट्वीट में कश्मीर पर सरकार के कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी और उन्होंने कहा था कि वह इस दिन का पूरे जीवनभर इंतजार कर रही थीं.
इसी के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री और नेता देर रात एम्स पहुंचे और सुषमा का अंतिम संस्कार बुधवार दोपहर तीन बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा. वहीं इससे पहले पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए भाजपा मुख्यालय में रखा जा चुका है. आपको बता दें भाजपा की ओजस्वी वक्ताओं में शुमार सुषमा का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला छावनी में हुआ था और 1977 में महज 25 साल की उम्र में वे हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गई थीं.
वहीं उनके राजनीतिक करियर ने साल 1999 में बड़ा मोड़ लिया और उन्हें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक की बेल्लारी सीट से चुनावी रण में उतारा गया. जी दरअसल भाजपा का यह कदम विदेशी बहू सोनिया गांधी के जवाब में भारतीय बेटी को उतारने की नीति का हिस्सा था हालांकि सुषमा यह चुनाव हार गईं लेकिन उसके बाद उन्होंने सफलता पाई और आज वह लोगों के दिलों में बसी हैं. भले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया हो लेकिन लोगों के दिलों में वह हमेशा जीवित रहेंगी.
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