देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार सिंह फोनिया का आज देहांत हो गया। वे लंबे वक़्त से बीमार थे। केदार सिंह फोनिया उत्तराखंड की सियासत में दो दशक से भी अधिक वक़्त तक सक्रिय रहे। वे उत्तराखंड के साथ ही यूपी में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके थे। उन्होंने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में भी महत्वपूर्ण किरदार निभाया था।
वही उनके निधन की खबर से प्रदेश बीजेपी में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीटर पर पोस्ट करते हुए लिखा- 'भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री केदार सिंह फोनिया जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। भगवान दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिवार को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।'
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री केदार सिंह फोनिया जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 14, 2022
भगवान दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिवार को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति: शांति: शांति: pic.twitter.com/yXHTvO0iIr
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भी उनके देहांत पर गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन एवं राज्य के विकास में केदार सिंह फोनिया जी का योगदान हमेशा अविस्मरणीय रहेगा। वे एक समर्पित जन नेता के रूप में सदैव याद किए जाएंगे। स्वर्गीय केदार सिंह फोनिया ने यूपी में पर्यटन मंत्री रहते हुए औली को विश्व मानचित्र पर स्थान दिलाया था। जोशीमठ-औली रोपवे भी उन्हीं की देन है। बदरीनाथ विधानसभा के दूरस्थ गांवों में सड़कें पहुंचाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। वे चमोली जनपद के चीन सीमा इलाके के गमशाली गांव के निवासी थे। फोनिया ने 1969 में पहली बार विधानसभा के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ा था, मगर वे हार गए थे। तब 1991 में विधानसभा चुनाव लड़े तथा उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार में पर्यटन मंत्री रहे।
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