ओणम त्यौहार मनाने के पीछे का रहस्य
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भारत एक त्यौहारों का देश हैं जिसमें हर धर्म के लोग रहते हैं और सभी धर्म के अपने-अपने त्यौहार हैं. अब जल्द ही ओणम का त्यौहार आने वाला है जिसकी तैयारी में लोग अभी से जुट गए हैं. बता दें कि ओणम केरल का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो किसानों का फेस्टिवल होता है. यह हर अगस्त-सितंबर में मनाया जाता है और इस बार इस त्यौहार की शुरुआत 15 अगस्त से हो रही है.

इस त्यौहार के बारे में कहा जाता है कि इस दिन राजा महाबली ने भगवान विष्णु से अपनी प्रजा से वर्ष में केवल एक बार मिलने की अनुमति मांगी थी जिसके चलते इस त्यौहार को राजा महाबली के याद में मनाया जाता है. ओणम का अर्थ सावन से जुड़ा हुआ है और इस त्यौहार को केरल राज्य में चाय, अदरक, इलायची, कालीमिर्च, धान जैसी फसलों के तैयार होने की ख़ुशी में मनाया जाता है.

इस दौरान श्रावण के देवता तथा फूलों की देवी की पूजा की जाती है. खास बात यह है कि इस त्यौहार को 10 दिनों तक मनाया जाता है. इस दिन सभी लोग अपने अपने घरों को खूबसूरत फूलों से सजाते हैं और आंगन में रंगोली बनाई जाती है साथ ही महिलाएं नाचती-गाती हैं, वही पुरुष भी महिलाओं की मस्ती में शामिल होते हैं. इस दौरान शेर नृत्य, कुचीपुड़ी, गजनृत्य, कुमट्टी काली, पुलीकली तथा कथकली जैसे लोकनृत्य किये जाते हैं.

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