आखिर क्यों स्वस्थ लोगों में कोरोना का वायरस डालना चाहते हैं वैज्ञानिक ?
आखिर क्यों स्वस्थ लोगों में कोरोना का वायरस डालना चाहते हैं वैज्ञानिक ?
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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मामलों में अब लगातार इजाफा हो रहा है. देश में लॉकडाउन के बाद भी नए मामलों में कोई कमी नहीं देखी जा रही है. अब इस बीच वैज्ञानिक चाहते हैं कि कुछ लोगों के शरीर में कोरोना का वायरस डाला जाए. सुनकर आपको हैरानी और गुस्सा दोनों हो सकता है. किन्तु इसका कारण जानकर आपको राहत मिल सकती है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस के टीके बनाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. खुद वैज्ञानिक मानने लगे हैं कि कोरोना वायरस का टीका विकसित किए बगैर इससे निजात पाना मुश्किल है. न्यू जर्सी में रूटगर्स यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर नीर इयाल का कहना है कि हमें अपने टीके को जल्द से जल्द विकसित करने के लिए 100 हेल्दी लोगों की आवश्यकता है जिनके भीतर कोरोना वायरस को फैलाया जा सके. इसकी सहायता से हम अपने तैयार टीके का अंतिम ट्रायल कर सकेंगे. दुनिया को जल्द से जल्द टीके मुहैया  कराने के लिए ये सबसे सटीक और अचूक तरीका माना जाता है.

मामले से सम्बंधित एक दूसरे वैज्ञानिक का कहना है कि फेज-3 ट्रायल (Trial) के दौरान टीकों को हेल्दी लोगों में टेस्ट करना सबसे उचित तरीका होता है. हम ऐसे 100 लोगों के शरीर में कोरोना का वायरस इंजेक्ट करेंगे. इसके बाद अपने बनाए टीके का टेस्ट करेंगे. एक बार इन लोगों में टीका कारगर साबित होने का मतलब है ये उपचार के लिए तैयार हैं.

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