नई दिल्ली: कभी लोगों की सहूलियत के लिए बनाया गया प्लास्टिक आज पूरी दुनिया के सामने विकट समस्या बन चुका है। ये न सिर्फ इंसान, बल्कि जानवर और प्रकृति के लिए भी खतरनाक बनता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन वर्ल्ड वाइड फंड द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक प्लास्टिक प्रदूषण दोगुना बढ़ जाएगा।
वैज्ञानिकों के मुताबिक समुद्र में 1950 से 2016 के मध्य के 66 वर्षों में जितना प्लास्टिक इकठ्ठा हुआ है, उतना आने वाले केवल एक दशक में जमा हो जाएगा। इससे महासागरों में प्लास्टिक कचरा 30 करोड़ टन तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। समुद्र में 2030 तक प्लास्टिक दहन पर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन तीन गुना हो जाएगा, जो हृदय संबंधी बीमारियों में तेजी से इजाफा करेगा।
प्रति वर्ष उत्पादित होने वाले कुल प्लास्टिक में से मात्र 20 फीसद ही रिसाइकिल हो पाता है। 39 फीसद को जमीन के भीतर दबाकर नष्ट किया जाता है और 15 फीसद जला दिया जाता है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि प्लास्टिक के जलने से उत्सर्जित होने वाली कार्बन डायऑक्साइड की मात्रा 2030 तक तीन गुना हो जाएगी, जिससे ह्रदय रोग के मामले में तेजी से वृद्धि होने की आशंका चिंता का विषय बनी हुई है।
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