वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे छोटा इंजन किया विकसित
वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे छोटा इंजन किया विकसित
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आज विज्ञान जाने कहाँ से कहाँ  पहुँच रहा हैं हर एक दिन कोई न कोईं नई टेक्नोलॉजी ,कोईं न कोई नई वस्तु विकसित की जा रही हैं जिससे लोगों को अपने कार्यों में मदद मिल रही हैं और काम समय में कार्य पूर्ण हो रहे हैं, हाल ही में  कैंब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे छोटे इंजन का विकास किया. इस अध्ययन का प्रकाशन पीएनएएस जर्नल में 2 मई 2016 को हुआ.

प्रकाश से चलने वाला यह इंजन छोटे मशीनों के विकास में मददगार साबित हो सकता है. यह आकार में एक मीटर के मात्र कुछ अरबवें हिस्सें के बराबर है, इस शोध की अगुआई करने वाले कैवेंडिश प्रयोगशाला के प्रोफेसर जेरेमी बॉमबर्ग ने इस उपकरण का नाम ऐंट रखा है.

नैनो-इंजन से संबंधित मुख्य तथ्य:
• इससे पानी के अंदर दिशा की पहचान करने, आसपास के वातावरण को समझने या जीवित कोशिकाओं में प्रविष्ट कराकर बीमारियों से लड़ने में मदद मिल सकती है.
• इस उपकरण का निर्माण सोने के छोटे आवेशित कणों से किया गया है.
• जब लेजर की मदद से नैनो-इंजन को एक निश्चित तापमान तक गर्म किया जाता है तो यह सेकेण्ड के कुछ हिस्सों में ही बहुत मात्रा में प्रत्यास्थ ऊर्जा एकत्रित कर लेता है.
• उपकरण को गर्म करने पर पॉलीमर पानी ग्रहण कर लेता है और फैल जाता है एवं सोने के छोटे कण स्प्रिंग की तरह मजबूती एवं तेजी से फैल जाते हैं.
• बहुत अधिक बल का प्रयोग करने में सक्षम है.

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