साइंस का संबंध इंसानी रिश्तों से भी
साइंस का संबंध इंसानी रिश्तों से भी
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वैज्ञानिको की पकड़ से ऐसी कुछ चीजें नहीं छूटी जिसे समझा न सके. यहां तक कि इंसानी रिश्ते में भी भावनाओं के साथ विज्ञान कि भी मौजूदगी होती हैं. अब आप सोचेंगे कि गले लगाने या किसी की तरफ अट्रैक्ट होने में विज्ञान का क्या काम, तो जरा रुकिए, आपको बता दे इन सब चीजों में भी विज्ञान की मौजूदगी होती हैं.

जब हम किसी को गले लगाते हैं तब हमे सुकून और ख़ुशी का एहसास होता हैं, ऐसा शायद इसलिए कि भावनाओं के कारण. शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण भावनाएं पनपती हैं. हमारी बॉडी और ब्रेन में ऐसी कई केमिकल प्रोसेस चलती हैं जो सिर्फ रिश्तों को नहीं बल्कि हर तरह के निर्णय को प्रभावित करती हैं. महिला-पुरुष का एक दूसरे के प्रति आकर्षण, दोस्ती और हर रिश्ते में ऐसी कुछ वैज्ञानिक क्रियाएं घटित होती हैं जो हमारे रिश्तों को बनाती और बिगाड़ती हैं. यह बात कई स्टडीज में सामने आई हैं. एक-दूसरे से प्यार करने वाले लोग एक दूसरे की आँखों में 15 सेकंड से अधिक समय तक लगातार देखे तो उनके हृदय भी एक जैसे सिंक्रोनाइज होकर धड़कने लगते हैं.

एक कपल जितना अधिक समय एक साथ गुजारता हैं, उन्हें उतना ही कम आई लव यू बोलने कि जरूरत पड़ती हैं. फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस तो याद होगी उसमे संजय दत्त की जादू की झप्पी की ट्रिक असल जिंदगी में काम करती हैं. बता दे कि 20 सेकंड से अधिक किसी को गले लगाने से ऑक्सीटोसिन का स्राव होता हैं. यह तत्व तय करता हैं कि आप उस व्यक्ति पर कितना भरोसा करते हैं.

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