हिमाचल में 250 करोड़ के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई रिकॉर्ड खंगालने फिर चंडीगढ़ गई है। इसके साथ ही सीबीआई की टीम ने विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों और बैंकों से रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। वहीं छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे दो इंस्पेक्टरों समेत तीन अफसरों के शिमला से तबादले कर दिए गए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि जांच में सुस्ती पर यह गाज गिरी है। प्रशासन का काम देख रहे एक और अफसर को भी बदल दिया गया है। वहीं इस मामले में एक प्रमुख अधिकारी पहले से ही मेडिकल लीव पर हैं।
9 मई को हुई थी एफआईआर
हिमाचल सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने 9 मई 2019 को एफआईआर दर्ज की थी। इसके साथ ही पांच दिन बाद ही हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 22 शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर छापे मारे गए। वहीं यह कार्रवाई हिमाचल में शिमला, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा के अलावा करनाल, मोहाली, नवांशहर, अंबाला और गुरदासपुर स्थित कई शैक्षणिक संस्थानों पर की गई। साथ ही बैंकों में भी छापा मारा था।
यह है मामला
इसके साथ ही मंत्री रामलाल मारकंडा की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने जांच की तो साल 2013-14 से 2016-17 तक 2.38 लाख एससी, एसटी और ओबीसी के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी करने के दौरान हुई गड़बड़ी की बात सामने आई। वहीं इसी दौरान 2772 शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति बंटी, जिसमें 266 निजी शिक्षण संस्थान मौजूद थे। इसके साथ ही निजी संस्थानों को 210 करोड़ और सरकारी संस्थानों को 56 करोड़ की राशि दी गई। इसके साथ ही 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19915 को चार मोबाइल फोन नंबरों से जुड़े बैंक खातों में राशि जारी की गई। इसके अलावा मामला बड़े शिक्षण संस्थानों व दूसरे राज्यों से भी जुड़ा था, ऐसे में सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।
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