चेन्नई: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में जाति के नाम पर भेदभाव करने का एक मामला सामने आया है। जी दरअसल यहां के इरोड जिले (Erode District) में 6 छात्रों को सिर्फ इसलिए टॉयलेट साफ करने पर मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह दलित छात्र थे। इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक यह हरकत किसी और ने नहीं बल्कि स्कूल की प्रिंसिपल ने की है। जी हाँ, वहीं पुलिस ने अब उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है वह फरार है और पुलिस को उसकी तलाश है। इस मामले में मिली जानकारी के तहत पांचवीं क्लास के एक छात्र की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज की है।
दलित छात्रों से प्रिंसिपल ने साफ़ करवाया टॉयलेट pic.twitter.com/JBcUureLtx
— News Track (@newstracklive) December 2, 2022
इस शिकायत में यह कहा गया है, ‘हेडिमिस्ट्रेस गीता रानी के इशारे पर ही SC छात्रों को टॉयलेट साफ करने के लिए कहा गया था।’ इसी के साथ महिला ने यह दावा किया है कि हाल ही में उसके बेटे को डेंगू हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। तब जाकर हमें इसकी जानकारी मिली। पुलिस को मां ने बताया कि जब उसने पूछा कि तुम्हें डेंगू कैसे हो गया, तो बेटे ने बताया कि उसे रोज ब्लीचिंग पाउडर लाकर टॉयलेट साफ करना पड़ता है। इसी दौरान उसे मच्छरों ने काट लिया। इसी के साथ शिकायतकर्ता ने बताया कि पिछले हफ्ते एक अभिभावक ने बच्चों को हाथों में झाड़ू और मग लिए टॉयलेट से बाहर आते देखा।
खिड़की का कांच फोड़ यात्री के गले के आर-पार हुई लोहे की रॉड
जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि वे टॉयलेट साफ कर रहे थे। ऐसा करने के लिए उन्हें प्रिंसिपल ने ऐसा करने को कहा है। मिली जानकारी के तहत पांचवी क्लास में करीब 40 बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से अधिकतर अनुसूचित जाति के छात्र हैं। ऐसे में महिला ने सवाल किया है कि आखिर उनके बच्चों से ही ये काम क्यों करवाया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसके अलावा SC/ST एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
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