'हिंदुत्व धर्म नहीं एक जीवन शैली' के फैसले पर SC में सुनवाई

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय एक महत्वपूर्ण मसले पर सुनवाई करने में लगा है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय में हिंदूत्व के मसले पर सुनवाई चल रही है। यह सुनवाई महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय तय करेगा कि हिंदूत्व को जीवन शैली मानते हुए चुनाव में इसका उपयोग किया जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट के 7 सदस्यों की संविधान पीठ इस मुद्दे और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है। गौरतलब है कि वर्ष 1995 में सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय बेंच ने निर्णय दिया था कि चुनाव में हिंदूत्व का उपयोग गलत नहीं है। हिंदूत्व धर्म नहीं एक जीवन शैली है।

इस मामले में न्यायालय ने कहा था कि हिंदूत्व एक शब्द है जो कि भारतीय लोगों की जीवन पद्धति की ओर संकेत करता है। यह ऐसे लोगों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है, जो अपनी आस्था के कारण हिंदू धर्म को मानते हैं। न्यायालय में इस मामले में अभिराम के अभिभाषक ने अभिराम की ओर से याचिका दायर की तो इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई प्रारंभ की।

सर्वोच्च न्यायालय ने दो दशक बाद फिर विचार करना प्रारंभ किया है। न्यायालय ने इस मामले में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सुनवाई प्रारंभ की है। गौरतलब है कि वर्ष 1995 में न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया था जिसमें यह कहा गया था कि हिंदूत्व एक जीवन शैली है। इसे केवल धर्म न मानते हुए चुनाव में इस आधार का उपयोग किया जा सकता है।

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