सुप्रीम-कोर्ट का सरकारी विज्ञापनों पर केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस
सुप्रीम-कोर्ट का सरकारी विज्ञापनों पर केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस
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tyle="text-align:justify">नई दिल्ली : खबर आ रही है की देश की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व कुछ राज्यों को नोटिस भेजे है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने इन नोटिस में सरकारी विज्ञापनों पर दी गई उसकी गाइडलाइन तोड़ने का जिक्र किया है. कोर्ट ने सवाल करते हुए केंद्र से कहा की सरकारी विज्ञापनों की निगरानी पर अभी तक हमारे कहे अनुसार 3 सदस्यों का पैनल बनाया या नहीं. अगर नहीं, तो क्यों. इसी तरह कोर्ट ने आप सरकार व तमिलनाडु में 'एआईएडीएमके' के नेतृत्व वाली गवर्मेंट को भी अपने आदेश का पालन नही करने के लिए नोटिस जारी किया है. गौरतलब है की इसी वर्ष 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों को सरकारी विज्ञापन देने को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी.
 
इस गाइडलाइन के अंतर्गत दोहराया गया था की सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी की भी फोटो न छपें. तथा तीन सदस्यों का पैनल इस कार्य के लिए बनाया जाए. तथा यह नोटिस एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन की जनहित याचिका पर जस्टिस रंजन गोगई और एनवी रमन की बेंच ने दिया. व इसमें एनजीओ के वकील के रूप में प्रशांत भूषण ने दिल्ली व तमिलनाडु सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन करने का दावा किया गया था.

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