नई दिल्ली: आधार कार्ड की पेचीदगियों से केवल आम आदमी ही पीड़ित नहीं है, बल्कि देश में शीर्ष पदों पर बैठे लोग भी आधार के कारण परेशानियां उठा चुके हैं. यहाँ तक कि उच्चतम अदालत के जज को भी आधार प्रमाणीकरण के लिए परेशान होना पड़ा था. सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डी चंद्रचूड़ ने आधार से सम्बंधित अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया.
उन्होंने कहा कि अल्जाइमर से पीड़ित उनकी मां को पेंशन के लिए आधार प्रमाणीकरण के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, उन्हें पेंशन के लिए अंगूठे की छाप देना पड़ा. उन्होंने कहा कि मुझे ज्यादा है कि हर महीने बैंक का एक कर्मचारी घर आता था और माँ के अंगूठे का निशान लेता था, तब जाकर माँ को पेंशन मिल पाती थी. उन्होंने माना कि आधार प्रमाणीकरण गंभीर मामला है.
मामले पर सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि आधार सर्टिफिकेशन में नाकामी से जरूरतमंदों के सामने समस्या आ सकती है और इसके लिए कोई समाधान तलाशा जाना चाहिए. पीठ में जस्टिस ए के सीकरी, ए एम खानविलकर और अशोक भूषण भी शामिल हैं. अदालत ने मोबाइल सिम को आधार से अनिवार्य रूप से जोड़ने के आदेश का भी बचाव किया, उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई आदेश अदालत द्वारा नहीं दिया गया है.
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