नई दिल्ली: राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के आरोप में आलोचला झेल रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का कहना था कि यह मामला पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा है। यदि यहां पर कन्हैया को किसी भी तरह की परेशानी होती है या फिर इस मामले की सुनवाई नहीं होती है तो वे निचली अदालत में जा सकते हैं।
इसके बाद कन्हैया ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की लेकिन कन्हैया को यहां पर भी निराशा का सामना करना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार कन्हैया की याचिका में कुछ कमियां थीं। जिसके कारण इसे सुधार हेतु लौटा दिया गया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारेबाजी करने के विरोध में उच्च न्यायालय के अभिभाषकों ने मार्च निकाला।
इस दौरान अभिभाषकों ने पटियाला हाउस कोर्ट से इंडिया गेट तक नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसआर गिलानी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कन्हैया को निचली अदालत में जाने के लिए कहा। उल्लेखनीय है कि कन्हैया को कहा गया था कि उन्हें निचली अदालत में जाना चाहिए था।
जिस पर उन्होंने कहा था कि पटियाला हाउस कोर्ट में उनकी जान का जोखिम है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में वे मामले की सुनवाई करवाना चाहते हैं लेकिन न्यायालय ने उन्हें निचली अदालत में जाने को कहा था। दूसरी ओर प्रेस क्लब में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी की जमानत याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायालय ने गिलानी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके बाद गिलानी ने जमानत याचिका दायर की थी। गिलानी को न्यायालय ने 3 मार्च तक के लिए पहले ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।