CNG मामले में जांच आयोग ने जताई LG से सहयोग की उम्मीद
CNG मामले में जांच आयोग ने जताई LG से सहयोग की उम्मीद
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नई दिल्ली : एक बार फिर दिल्ली में केंद्र के प्रतिनिधि उपराज्यपाल नजीब जंग और राज्य सरकार के बीच विवाद बढ़ने के आसार हैं। दरअसल वर्ष 2002 में गठित जांच जांच आयोग द्वारा सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच की जा रही है। इस जांच आयोग का गठन दिल्ली की राज्य सरकार ने किया था। इस आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एसएन अग्रवाल ने राज्य के उपराज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि, "उपराज्यपाल महोदय आपका कहना है कि गृहमंत्रालय ने इस जांच आयोग को अवैध कहा है। आप इस बात को मानने के लिए बाध्य हैं। ऐस कहकर आप तो अपने पद की गरिमा को कम कर रहे हैं। आप स्वयं ही स्वतंत्र इकाई हैं। आपका संवैधानिक अस्त्वि है।"

जस्टिस अग्रवाल द्वारा आयोग की वैधता पर सफाई देते हुए कहा गया है कि न्यायालय ने आयोग के कामकाज पर रोक नहीं लगाई है। न्यायालय द्वारा केवल दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा गया है। न्यायमूर्ति अग्रवाल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि केंद्रीय गृहमंत्रालय के निर्देश मानना उनके लिए आवश्यक नहीं है।

न्यायालय ने कहा कि उपराज्यपाल स्वयं ही एक संवैधानिक व्यक्तित्व है। ऐसे में इस पद पर आसीन व्यक्ति से सहयोग की अपेक्षा है। न्यायाधीश ने कहा कि वे इस मामले में सहयोग करेंगे इस बात की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि 30 दिसंबर को न्यायमूर्ति एन. अग्रवाल ने एलजी को चिट्ठी लिखकर कहा कि एसीबी के जाॅइंट सीपी मुकेश मीणा को निर्देशित किया है कि वे जांच हेतु आवश्यक दस्तावेज आयोग को सौंपे मगर एलजी ने 8 जनवरी को इस तरह की मांग को खारिज कर दिया।

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