सावन में ही क्यों चढ़ाई जाती है भगवान शिव को कांवड़ ?
सावन में ही क्यों चढ़ाई जाती है भगवान शिव को कांवड़ ?
Share:

27 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है लेकिन चंद्रग्रहण के कारण इसे 28 जुलाई से माना जायेगा. ये महीना भगवान शिव के लिए और शिव भक्तों के लिए बेहद ही खास होता है. इस महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है और कुछ लोग पूरे महीने ही भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग कावड़ लेकर भी जाते हैं और भगवान शिव को चढ़ाते हैं. इस महीने में लाखों लोग कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं और यात्रा पूरी करके उन्हें वो जल चढ़ाते हैं. कांवड़ यात्रा में भगवान शिव को गंगाजल से नहलाया जाता है या उनका अभिषेक किया जाता है.

सावन के महीने में इस तरीके से करें शिव अभिषेक

कहा जाता है भगवान परशुराम ने ही सबसे पहले गंगाजल से शिव जी का अभिषेक किया था और तभी से ये परम्परा शुरू हुई. इसी के साथ ये बताया जाता है कि जब समुद्र मंथन हुआ था तो भगवान शिव ने विष पिया था और उस विष को कम करने के लिए गंगा माँ को बुलाया गया. उस समय सावन का महीना चल रहा था और शिव जी को गंगा जल चढ़ाने की पंरपरा बनी. इस यात्रा को पूरे देश के लोग करते हैं और लम्बी यात्रा में शामिल होते हैं.

भगवान शिव-पार्वती को खुश करेगा ये व्रत

उत्तरी भारत में इसका चलन कुछ अधिक है और शिव भक्त बहुत ही श्रद्धा भक्ति से कांवड़ लेकर जाते हैं. शिव भक्त गंगाजल लेकर चलते हैं शिव जी के देवस्थान पर लेजकर उनका अभिषेक करते हैं. इसमें अधिकतर लोग केसरी रंग के वस्‍त्र धारण करते हैं. कांवड़ मुख्‍य रूप से गौमुख, इलाहाबाद, हरिद्वार या गंगोत्री जैसे तीर्थस्थलों से गंगाजल भरते हैं.

यह भी पढ़ें..

सावन में 11 चावल और 11 शिव मंत्र बदल देंगे आपकी किस्मत

श्रावण मास में राशि के अनुसार ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -