सावन के महीने में शिव के प्रत्येक रुप का पूजन करने से कष्ट दूर होते हैं। जी हाँ और इसी के साथ भक्तों को इसका बहुत लाभ मिलता है। जी दरअसल ऐसा कहा जाता है सावन में काल भैरव पूजा साधना द्वारा शत्रुओं से मुक्ति और बाधाओं का निवारण प्राप्त होता है। आप सावन के महीने में कालभैरवाष्टक स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं क्योंकि इससे कई लाभ होते हैं। काल भैरव स्त्रोत जीवन में नकारात्मकता को दूर करता है। अगर आपको कोई रोग हो तो इस स्त्रोत का जाप अवश्य करें आपको लाभ होगा। माता संतान की सुरक्षा एवं आयु के लिए भी इस स्त्रोत का जाप कर सकती है। शनिवार या मंगलवार को कभी भी अपने घर में भैरव पाठ का पाठ करने से व्यक्ति सभी परेशानियों से मुक्त हो सकता है। इसके अलावा भैरव स्त्रोत से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है।
श्री काल भैरव स्तोत्र-
नमो भैरवदेवाय नित्ययानंदमूर्तये ।।
विधिशास्त्रान्तमार्गाय वेदशास्त्रार्थदर्शिने ।।1।।
दिगंबराय कालाय नमः खट्वांगधारिणे ।।
विभूतिविलसद्भालनेत्रायार्धेंदुमालने ।।2।।
कुमारप्रभवे तुभ्यं बटुकायमहात्मने ।।
नमोsचिंत्यप्रभावाय त्रिशूलायुधधारिणे ।।3।।
नमः खड्गमहाधारहृत त्रैलोक्य भीतये ।।
पूरितविश्वविश्वाय विश्वपालाय ते नमः ।।4।।
भूतावासाय भूताय भूतानां पतये नम ।।
अष्टमूर्ते नमस्तुभ्यं कालकालाय ते नमः ।।5।।
कं कालायातिघोराय क्षेत्रपालाय कामिने ।।
कलाकाष्टादिरूपाय कालाय क्षेत्रवासिने ।।6।।
नमः क्षेत्रजिते तुभ्यं विराजे ज्ञानशालने ।।
विद्यानां गुरवे तुभ्यं विधिनां पतये नमः ।।7।।
नमः प्रपंचदोर्दंड दैत्यदर्प विनाशने ।।
निजभक्त जनोद्दाम हर्ष प्रवर दायिने ।।8।।
नमो जंभारिमुख्याय नामैश्वर्याष्टदायिने ।।
अनंत दुःख संसार पारावारान्तदर्शिने ।।9।।
नमो जंभाय मोहाय द्वेषायोच्याटकारिणे ।।
वशंकराय राजन्यमौलन्यस्त निजांध्रये ।।10।।
नमो भक्तापदां हंत्रे स्मृतिमात्रार्थ दर्शिने ।।
आनंदमूर्तये तुभ्यं श्मशाननिलयाय् ते ।।11।।
वेतालभूतकूष्मांड ग्रह सेवा विलासिने ।।
दिगंबराय महते पिशाचाकृतिशालने ।।12।।
नमोब्रह्मादिभर्वंद्य पदरेणुवरायुषे ।।
ब्रह्मादिग्रासदक्षाय निःफलाय नमो नमः ।।13।।
नमः काशीनिवासाय नमो दण्डकवासिने ।।
नमोsनंत प्रबोधाय भैरवाय नमोनमः ।।14।।
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