सावन माह में जानिए भगवान शिव के त्रिपुंड का क्या है महत्व?
सावन माह में जानिए भगवान शिव के त्रिपुंड का क्या है महत्व?
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सावन का महीना अपने आपमें ही बड़ा ख़ास होता है. इस महीने को सबसे प्रिय महीना कहा जाता है और यह महीना शिव जी का भी प्रिय महीना माना जाता है. इस महीने को भोले बाबा का महीना कहा जाता है. सावन के महीने में शिव की आराधना उत्तम कही जाती है और इस महीने में शिव का पूजन करने से बड़े बड़े लाभ होते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव अपने शरीर पर जो त्रिपुंड लगाते हैं, उसका महत्व क्या है और उसे शरीर के किन अंगों पर लगाया जाता है?

जी दरअसल शिव पुराण को माने तो भस्म लाभ देने वाला होता है. वैसे यह दो प्रकार का होता है जिनमे पहला-महाभस्म कहा जाता है और दूसरा- स्वल्पभस्म होता है. वहीं महाभस्म के तीन प्रकार होते हैं जो श्रौत, स्मार्त और लौकिक हैं. आप सभी को बता दें श्रौत और स्मार्त द्विजों के लिए और लौकिक भस्म सभी लोगों के उपयोग में लिया जाता है. वहीं द्विजों को वैदिक मंत्र के उच्चारण से धारण करने के बारे में कहा जाता है. इसके अलावा दूसरे लोग बिना मंत्र के ही यह धारण कर सकते हैं. इसके अलावा शिव पुराण के अनुसार जले हुए गोबर से बनने वाला भस्म को आग्नेय कहते हैं. यह भी त्रिपुंड का द्रव्य है और शरीर के सभी अंगों में जल के साथ भस्म को मलना या तिरछा त्रिपुंड लगाना महत्वपूर्ण कहा जाता है. इसी के साथ भगवान शिव और विष्णु ने भी तीर्यक त्रिपुंड धारण करते हैं.

आइए जानते हैं त्रिपुंड क्या है - जी दरअसल ललाट आदि सभी स्थानों में जो भस्म से तीन तिरछी रेखाएं बनाते हैं उनको त्रिपुंड कहते हैं.

त्रिपुंड की हर रेखा में 9 देवता - शिव पुराण के अनुसार त्रिपुंड की तीनों रेखाओं में से प्रत्येक के नौ-नौ देवता होते हैं. वह सभी अंगों में स्थित माने जाते हैं. आपको बता दें कि त्रिपुंड की पहली रेखा में प्रथम अक्षर अकार, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, धर्म, रजोगुण, ऋृग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रात:सवन तथा महादेव 9 देवता होते हैं. वहीं त्रिपुण्ड की दूसरी रेखा में प्रणव का दूसरा अक्षर उकार, दक्षिणाग्नि, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, अंतरात्मा तथा महेश्वर ये 9 देवता हैं. इसी के साथ त्रिपुण्ड की तीसरी रेखा के 9 देवता प्रणव का तीसरा अक्षर मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीयसवन तथा शिव हैं.

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