नई दिल्ली: पत्रकार राना अयूब यमन और सऊदी अरब को लेकर किए गए ट्वीट के बाद बुरी तरह घिर गई हैं। आतंकियों के समर्थन का आरोप लगा कर सऊदी अरब वाले अब राना अय्यूब को जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं, मगर पत्रकार इसके लिए भी पीएम नरेंद्र मोदी को ही दोषी ठहरा रही हैं। दरअसल, राना अयूब ने अपने ट्वीट में लिखा था कि सऊदी अरब, यमन को तबाह कर रहा है, जबकि हकीकत ये है कि यमन सरकार के आग्रह पर ही सऊदी अरब वहाँ कार्रवाई कर रहा है। राना अयूब ने इस बात पर भी शर्म जाहिर की थी कि मक्का-मदीना का नियंत्रण सऊदी अरब के पास है।
Yemen is bleeding and there is nobody to stop the bloodthirsty Saudis. These are people who call themselves the custodians of Islam. As a Muslim I am ashamed that these savages are guardians of the holy mosque. The world CANNOT stay silent thru this genocide #YemenUnderAttack
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) January 22, 2022
अब सऊदी अरब और भारत के लोग मिल कर राणा अय्यूब को घेर रहे हैं। मेजर (रिटायर्ड) माणिक एम जॉली ने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'राणा अयूब ने एक कूटनीतिक मुद्दे में टाँग अड़ाई, जिस समस्या की उन्हें समझ तक नहीं थी। ISI ने उनका उपयोग ईरान-पाकिस्तान-तुर्की के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया, ताकि वो सऊदी अरब-अमेरिका और आंशिक रूप से इजरायल पर भी हमला कर सकें। ये रोजमर्रा के घृणा फैलाने से कहीं ज्यादा बढ़ कर है। ये एक बड़ा लीग हैं।' सऊदी अरब के दिखने वाले एक ट्विटर अकाउंट से लिखा गया कि, 'गैर-अरबी मुस्लिम ये समझते हैं कि सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से उन्हें काबा के नियंत्रण का अधिकार है। मगर, इसे हमारे महान पूर्वज इस्माइल ने बनवाया था। जबकि मदीना हमारे कबीलों की जमीन रही है। एक सऊदी के मुस्लिम होने के नाते मैं कह सकता हूँ कि आपके विचार की कोई अहमियत नहीं है।' वहीं एक अन्य यूज़र ने लिखा कि, 'राना अयूब अब खुलकर आतंकियों का समर्थन कर रही हैं। हूती विद्रोहियों ने दो भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी, मगर इस पर वो चुप हैं। हूती, अलकायदा या ISIS में कोई अंतर नहीं है।'
She has so much venom that even the Arab world is disgusted with her. #RanaAyyub doesn't support Muslims. She supports terrorists. @SriramKannan77 @AkshitaSinghB @Anamikaa6969 @RatanSharda55 @suryakanthreddy @indumathi37 @a_Sanatani @RajniGoswami8 @ratihegde @SanggitaT @Usha_91 pic.twitter.com/EubTBvgRX7
— Samrasta (@Samrasta20) January 24, 2022
सऊदी अरब के एक अन्य यूज़र ने लिखा कि 'एक मुस्लिम होने के नाते वो ये देख कर परेशान है कि राना अयूब ईरान समर्थित उस संगठन का समर्थन कर रही हैं, जिन्होंने इराक, सीरिया, लेबनान और यमन से लाखों मुस्लिमों को पलायन के लिए विवश कर दिया। ‘TFI’ के संपादक त्रिभुवन ने लिखा किराणा अय्यूब ने सोचा कि भारत की तरह, वह सउदी और अमीरात के खिलाफ भी झूठी कहानी गढ़ सकती है। लेकिन वह पूरी तरह से भूल गई कि भारत के विपरीत, सऊदी और अमीरात सहिष्णु नहीं हैं। आशा है कि अब उन्हें "असहिष्णु" होने की अपनी परिभाषा स्पष्ट हो गई होगी।'
Rana Ayyub thought that like India, she can continue to be factually wrong and create a false narrative against Saudis and Emiratis.
— Tribhuwan (@tribhuwan_0196) January 24, 2022
She totally forgot that, unlike India, Saudi and Emirates are not tolerant. Hope she clears her definition of being "intolerent".#RanaAyyub
कूटनीतिक मामलों के विशेषज्ञ हसन सजवानी ने लिखा कि राना अयूब जैसे लोग सबसे बड़े दोषी हैं। उन्होंने लिखा कि अपने आप को ‘मानवतावादी आवाज़’ बता कर ऐसे लोग हमेशा हूती, हमास, और ISIS से संबंधित गुटों का समर्थन करते हैं। उन्होंने भी याद दिलाया कि कैसे हूती आतंकियों ने अबूधाबी हवाई अड्डे पर दो निर्दोष सिखों का क़त्ल कर दिया। सऊदी अरब के एक अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने राना अयूब पर सामाजिक कार्यों के नाम पर चंदा जुटा कर हजम कर जाने का इल्जाम लगाया। हसन सजवानी ने राना अयूब को आतंकियों से भी ज्यादा खतरनाक करार दिया है।
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