23  मार्च से
23 मार्च से "अन्ना का सत्याग्रह"
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समाजसेवी और जनलोकपाल बिल के लिए लम्बे समय से लड़ रहे अन्ना हजारे ने अपने ऑफिशियल फेसबुक से एक पोस्ट कर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी ज़ाहिर की. अन्ना ने लिखा कि पिछले तीन सालों से सालों में केंद्र कि सरकार ने हमें बहुत निराश किया. हमें सरकार से बड़ी उम्मीद थी लेकिन सरकार इसके विपरीत हमारी उम्मीदें पूरी नहीं कर रही है. लोकपाल के लिए तथा किसानों के हक़ के लिए सरकारें अगर काम नहीं करती तो संविधान ने हमें ये हक़ दिया है की की हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर सकते है. अन्ना ने 23 मार्च से दिल्ली में सत्याग्रह करने का निर्णय लिया है. 

आपको बता दें इससे पहले 2013 में अन्ना ने उस समय की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ जंतर-मंतर पर विशाल आंदोलन खड़ा किया था. आंदोलन ने सरकार को हिला के रख दिया था, जिसमें कई लोगों  की गिरफ्तारी भी हुई थी. इस आंदोलन में अन्ना के साथ वर्तमान में दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तथा आप नेता कुमार विश्वास भी थे. हाल ही में अन्ना हजारे ने अपने बयान में बताया की अगर इस बार सरकार मांगे पूरी नहीं करती है, तो मैं अनशन के दौरान अपने प्राण त्याग दूंगा. 

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