कोरोना का असर पड़ा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पर, बंद है सैलानियों की एंट्री
कोरोना का असर पड़ा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पर, बंद है सैलानियों की एंट्री
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होशंगाबाद:  कोरोना के चलते लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. इस लॉकडाउन के वजह से समर सीजन में एसटीआर (सतपुरा टाइगर रिजर्व) नहीं खुलेगा. मढ़ई और चूरना में पर्यटक वन्यप्राणियों को नहीं देख पाएंगे. चूंकि 31 मई तक लाॅकडाउन चलेगा. इसके ठीक 15 दिन बाद मानसूनी हलचल शुरू होने से हर साल की तरह 15 जून के बाद एसटीआर बंद हाे जाएगा. अब जून में पर्यटकाें काे वन्यप्राणी नहीं देख पाएंगे. पर्यटकों की आवाजाही अब चार माह बाद अक्टूबर में हाेगी. तब तक लाॅकडाउन के खुलने की भी पूरी उम्मीद है. एसटीआर वन्यप्राणियाें काे देखने के लिए हर साल देश-विदेश के पर्यटक आते रहते हैं. इस साल काेराेना के वजह से दाे माह से एसटीआर बंद है.

हालांकि, एसटीआर अगले आदेश तक बंद है यानी जब तक लाॅकडाउन पूरी तरह देश से नहीं हट जाता तब तक मढ़ई नहीं खुलेगा. इस बारें में एसटीआर क्षेत्र उप संचालक अनिल शुक्ला ने बताया कि हमारे पास जाे आदेश आए हैं, उसमें एसटीआर काे अगले आदेश तक बंद रखना है. इसलिए अभी ताे लाॅकडाउन चल रहा है. इसलिए यह नहीं खुलेगा. अब बारिश के बाद ही पर्यटकाें की आवाजाही शुरू हाेगी.

बता दें की लाॅकडाउन के वजह से पचमढ़ी में करीब 3 हजार लाेग बेराेजगार हुए हैं. यहां की हाेटलाें में काम करने वाले, हाेटलाें के कपड़े धाेने वाले सहित 450 जिप्सियां चलाने वाले, 275 गाइड बेराेजगार हाे गए हैं. छावनी परिषद के उपाध्यक्ष पंकज जायसवाल ने बताया है कि दाे माह से सब कुछ बंद हैं. इसलिए सभी जिप्सियां बंद हैं. लाेगाें की आय खत्म हाे गई है. पचमढ़ी में पर्यटक नहीं आ रहे हैं. बारिश के वक्त में भी दिक्कतें होने वाली है.

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