गुवाहाटी : भारतीय जनता पार्टी के उत्तरपूर्व जनतांत्रिक गठबंधन अर्थात नाॅर्थ इस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस के संयोजक और असम राज्य में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने लोगों से अपील की है कि राज्य के लोग अपना दुश्मन तय कर लें। उनका इशारा राज्य में आए शरणार्थियों से था। उन्होंने कहा कि लोगों को 1 से डेढ़ लाख लोगों या 55 लाख लोगों में से चुनना होगा कि उनका दुश्मन कौन है। सरमा यहां पर बांग्लादेशी माइग्रेट्स की बात कर रहे थे।
उन्होंने नागरिकता बिल को लेकर उठने वाले सवालों का जवाब देने को लेकर चर्चा की। उन्होंने सवाल किया कि आखिर राज्य में बांग्लादेशी कौन है इसकी पहचान करना मुश्किल है। दरअसल बांग्लादेशियों को लेकर किसी तरह का आंकड़ा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि इन माइग्रेटर्स के कारण असमिया समुदाय को परेशानी झेलना पड़ रही है। उन्होंने कहा कि यदि हम जागरूक नहीं हुए तो वर्ष 2021 तक बड़े पैमाने पर जिले हमारे हाथ से निकल जाऐंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के 11 जिले तो मुस्लिम बाहुल्य वाले ही थे।
उनका कहना था कि सवाल यह है कि आखिर किसने असम के लोगों को अल्पसंख्यक बनाने की धमकी दी। गौरतलब है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में अत्याचारों को सहन कर रहे हिंदू, बौद्ध, सिख और पारसियों को भारत की नागरिकता देने और बिना दस्तावेज भारत में प्रवेश दिए जाने का प्रस्ताव सामने है।
सरमा का कहना था कि देश का विभाजन तो धर्म के नाम पर ही हुआ था। उनका कहना था कि उनका दल बंगाली मुसलमानों से बंगाली भाषा बोलने वाले हिंदूओं की सुरक्षा चाहती है, जिसके कारण बंगाली हिंदूओं को पार्टी द्वारा अलग रखा जा रहा है।