यमुनानगर : विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का अस्तित्व एक बार फिर सामने आया है। नदी की जलधारा निकलने के बाद यह नदी पुर्नजीवित हो उठी है। मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में एक मुस्लिम दंपति ने यहां काम करते समय जब अपना फावड़ा चलाया तो जमीन से जलधारा बहने लगी। जिसे सरस्वती नदी के तौर पर जाना गया। मिली जानकारी के अनुसार विलुप्त रूप से बहने वाली सरस्वती नदी के धरती पर फिर से मिलने से लोगों को राहत मिली है।
माना जा रहा है कि जल्द ही यह नदी फिर से बह उठेगी। बिलासपुर खंड के मुगलवाली गांव में हुई खुदाई के बाद यह नदी फिर जीवित हो उठी। इसके बाद एक या दो नहीं बल्कि चार स्थानों पर धरती से सरस्वती का पानी निकलने की सूचना पूरे जिले में फैल गई और लोगों का जमावड़ा मुगलवाली में लग गया। सरस्वती नदी के अस्तित्व में आने की बात के बाद मौके पर डीसी डाॅ. एसएस फूलिया, एसडीएम बिलासपुर पूजा चांवरिया समेत अधिकारी बड़े पैमाने पर मौजूद थे।
मिली जानकारी के अनुसार गांव में मनरेगा के अंतर्गत 80 मजदूर काम कर रहे थे। इस दौरान सचिव बलकार सिंह ने बताया कि लगभग 8 फीट गहराई पर खलील अहमद, सलमा, प्रदीप और प्रवीन कुमार लगभग 1 बजे खुदाई कर रहे थे। जैसे ही इन्होंने खुदाई की तो जमीन से पानी की धार बहने लगी। जब यहां और ज्यादा खुदाई की गई तो और ज्यादा पानी निकलने लगा।
इसके बाद वहां मजदूर एकत्रित हो गए और जब और खुदाई की गई तो चार अन्य हिस्सों से भी पानी बहने लगा। इस बात का पता लगने के बाद अन्य जिलों से अधिकारी यहां पहुंचे। भूगर्भ शास्त्री और भूगर्भ विशेषज्ञ मामले को लेकर जांच करने लगे। उन्होंने यहां की मिट्टी के सैंपल लिए। भूगर्भशास्त्रियों ने मौके की जांच करते हुए कहा कि वर्षों पहले यहां नदी बहती रही है। हालांकि मामले को लेकर पुरातत्व विभाग असमंजस में है।
NTIPL reserves the right to delete, edit, or alter in any manner it sees fit comments that it, in its sole discretion, deems to be obscene, offensive, defamatory, threatening, in violation of trademark, copyright or other laws, or is otherwise unacceptable.