संघ-भाजपा की ख़बरें अभिनेत्रियों की गॉसिप्स की तरह : गडकरी
संघ-भाजपा की ख़बरें अभिनेत्रियों की गॉसिप्स की तरह : गडकरी
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नई दिल्ली : मोदी सरकार के किसी भी मंत्री पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा किसी किस्म का दबाव नहीं बनाया जाता है, यह कहना है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार में शामिल सभी मंत्री को अपने अंदाज़ में काम करने की पूरी आज़ादी है। यहां तक कि मंत्रियों को कैबिनेट मीटिंग में अपनी बात रखने की भी पूरी अनुमति है। उनके इस बयान से ऐसा लगा कि वह हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ हुई भाजपा नेताओं की मीटिंग्स को अनदेखा करने की कोशिश कर रहे हैं।

उनका कहना था कि संघ राष्ट्रीय सुरक्षा और शिक्षा जैसे मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं लेता है। पूर्व भाजपा अध्यक्ष जिनकी गिनती संघ के करीबियों में होती है, ने कहा कि संघ के साथ हुई मुलाकातों में किसी भी किस्म की राजनीतिक बातचीत मुश्किल ही होती है। हाल ही में मोहन भागवत के साथ हुई भाजपा नेताओं की मैराथन मुलाकातों के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक-के-बाद-एक मुलाकातों की वज़ह यही थी कि संघ प्रमुख नागपुर के अपने 8 दिन के प्रवास के दौरान उन सभी नेताओं से मुलाकात करना चाहते थे जिन्होंने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी।

एक रिपोटर मीटिंग के दौरान, नितिन गडकरी ने संघ से जुड़े लोगों के बारे में बताते हुए कहा कि 'आपकी बात सुनने के बाद, संघ के लोग शायद आपको उस मुद्दे से जुड़ी अपनी राय बताएं लेकिन साथ ही, वे आपसे यह भी कहेंगे कि आपको जो सही लगता है वैसा ही करिए।' यह मानते हुए कि मनोहर पर्रिकर, राजनाथ सिंह और खुद वह भी संघ के सक्रिय सदस्य रहे हैं, गडकरी ने कहा कि संघ प्रमुख के साथ अपनी हालिया मुलाकात के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की। साथ ही, उन्होंने यह भी साफ किया कि उस बातचीत का ख़ाका किसी भी लिहाज़ से वैसा नहीं था जैसा कि मीडिया में इस बाबत छपी खबरों में बताया गया।

'मैं संघ का सदस्य हूं। मुझे ऐसा कहने और यह मानने में न तो कोई हिचक है और न ही किसी तरह का कोई डर ही है। मेरी तरह पर्रिकर और राजनाथ सिंह भी बेहिचक मानते हैं कि वे संघ के साथ सक्रियता से जुड़े हुए हैं। हम में से किसी पर भी न तो संघ किसी तरह का कोई दबाव बनाता है और न ही हमें उनकी ओर से कोई निर्देश ही दिया जाता है। हमारे बीच जब भी मुलाकात होती है तब राजनीतिक मुद्दों पर बहुत ही कम बातचीत होती है,' नितिन गडकरी ने साक्षात्कार के दौरान दावा किया। भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह ने भी हाल ही में मोहन भागवत से मुलाकात की थी।

उन ख़बरों को खारिज़ करते हुए जिनमें कहा जा रहा था कि भाजपा के कुछ नेताओं और मंत्रियों ने संघ प्रमुख से मिलकर नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की आलोचना की थी, नितिन गडकरी ने कहा कि ऐसी ख़बरें इसलिए लिखी जाती हैं क्योंकि ये ख़बरें भी सफल अभिनेत्रियों के बारे में लिखे गॉसिप की तरह हाथोंहाथ बिक जाती हैं और बड़े चाव के साथ पढ़ी जाती हैं। उन्होंने इसी सिलसिले में पीएम मोदी के उस नाम लिखे हुए सूट का भी ज़िक्र किया जिसपर काफ़ी विवाद हुआ था। गडकरी ने आगे सवाल किया कि 'कुछ लोगों ने उस सूट की कीमत 15 लाख बताई।

क्या आपने सूट का बिल चुकाया है? क्या राहुल गांधी ने उस सूट का बिल चुकाया है? वह सूट असल में एक गुजराती परिवार द्वारा पीएम मोदी को दिया गया तोहफ़ा था। वह परिवार मोदी को उस दौर से जानता है जब मोदी केवल संघ के प्रचारक हुआ करते थे।' संघ के बारे में आगे बातचीत करते हुए उन्होंने अपील की कि संघ के साथ भाजपा नेताओं की मुलाकातों के पीछे किसी राजनीतिक उद्देश्य को ढूंढ़ने की कोशिश न की जाए। उनके मुताबिक संघ की चिंता बस देश की सुरक्षा, शिक्षा व्यवस्था और देश की आगामी नीतियां, जैसे- विदेश नीति आदि हैं।

यह पूछे जाने पर कि मोदी सरकार के विषय में संघ की क्या राय है, उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि बेहतर होगा कि यह सवाल संघ से ही पूछा जाए। 'ईमानदारी से कहूं तो दृष्टिकोण के नाम पर आप क्या पूछते हैं और क्या छापते हैं, दोनों के बीच में एक फीसदी सच भी नहीं होता है,' नितिन गडकरी ने बेबाकी से कहा। यह पूछे जाने पर कि मौजूदा सरकार को वन-मैन शो कहे जाने पर उनकी क्या राय है, उन्होंने कहा कि कैबिनेट मीटिंग्स हमेशा ही बेहद सकारात्मक और जीवंत होती हैं, जहां हर किसी को बिना झिझके अपनी राय रखने का पूरा हक़ होता है। उन्होंने यह भी कहा कि इन मीटिंग्स में मंत्री साफ़गोई से न केवल अपने सुझाव सामने रखते हैं, बल्कि अपनी असहमति भी बेझिझक ज़ाहिर कर देते हैं।

उन्होंने मोदी सरकार के वन-मैन शो होने की बात को भी पूरी तरह खारिज़ कर दिया। पीएम मोदी की कार्यशैली की बाबत बोलते हुए उन्होंने कहा कि 'मोदी औरों से बहुत सारी उम्मीदें रखते हैं। भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है। मैं पार्टी का अध्यक्ष रहा हूं और पार्टी के अंदर का लोकतंत्र खुद महसूस कर चुका हूं। एक अकेला इंसान कुछ नहीं कर सकता। कोई अकेला ही सबकुछ नहीं कर सकता है। भाजपा सौ फीसदी लोकतांत्रिक है। कोई इसपर शासन नहीं कर सकता है। हमारे यहां कोई भी औरों पर हावी नहीं हो सकता है।'

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