संचार टाइम्स मीडिया ने दो देशरत्नों की जयंती मनाई
संचार टाइम्स मीडिया ने दो देशरत्नों की जयंती मनाई
Share:

दिल्ली: आज समाज कितना संवेदनहीन हो गया है इसका ताजा उदाहरण बीते 3 दिसंबर को तब देखने को मिला जब देश के प्रथम राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद और वीर सपूत खुदीराम बोस की जयन्ती पर सरकार की तरफ से कोई बड़ा कार्यक्रम देश में नहीं किया गया। एक ओर जहां अपने-अपने फायदे के लिए राजनीतिक दल देश के कुछ नायकों के नाम को कैश करने में जुटे हुए हैं तो वहीं बहुतों को भुला दिया जा रहा है। इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना और नहीं हो सकती है। पर इन देश के नायकों को याद करने का काम संचार टाइम्स मीडिया ग्रुप ने किया।

3 दिसंबर की शाम देश की राजधानी दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम सभागार में संचार टाइम्स मीडिया ग्रुप ने देश के प्रथम राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद और क्रांतिकारी वीरसपूत खुदीराम बोस की जयंती को देशभक्ति के साथ मनाया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन देश के जानेमाने कॉलमकार, लेखक, विचारक एवं जनसत्ता के पूर्व संपादक और वर्तमान में यथावत पत्रिका के संपादक पद्मश्री राम बहादुर राय ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली स्थित कालका माता मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेन्द्रनाथ अवधूत ने किया एवं कार्यक्रम के कार्यकारी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस फखरुद्दीन रहे। 

जयंती समारोह में आये हुए विशिष्ठ अतिथियों में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं सांसद अश्विनी चौबे, अपना दल पार्टी के सांसद कुंवर हरिवंश सिंह, डीडी न्यूज के जानेमाने पत्रकार सुधांशु रंजन, राज्यसभा टीवी के सहायक संपादक एवं प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं एआईसीसी के राष्ट्रीय सचिव के सी मित्तल, जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता अविनाश सिंह, प्रसिद्ध बॉलीवुड आर्ट डायरेक्टर एवं प्रोडक्शन डिजाइनर तारिक उमर खान, फेमस म्यूजिक डायरेक्टर एवं बॉलीवुड सिंगर शमशेर सिंह मेहंदी, मशहूर गीतकार साहिल सुलतानपुरी एवं अन्य बुद्धिजीवियों ने अपनी देशभक्ति से परिपूर्ण श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। मंच का सञ्चालन संचार टाइम्स मीडिया ग्रुप के समूह संपादक पंकज कुमार ने स्वयं किया। 

इस मौके पर पंकज कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा ऐसी महान विभूतियों की उपेक्षा चिंतनीय है। युवाओं को अपने क्रांतिकारी इतिहास का ज्ञान ही नहीं है जिसकी वजह से कुछ अराजक तत्व उनकों बरगला रहे हैं। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि इन युवाओं को देश के नायकों के बारे में बतलाया जाय और देश के प्रति नैतिक जिम्मेदारियों से अवगत कराया जाय। देशभक्तों को याद करने के लिए आयोजित यह कार्यक्रम अत्यंत भव्य एवं शोभनीय था। देश के क्रांतिकारियों एवं सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने आये लोगों से हॉल खचाखच भरा हुआ था। वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द सिंह ने राजेंद्र बाबू और जीरादेई से जुड़े कई तथ्य श्रोताओं के सामने रखा तो दर्शक दीर्घा में बैठी कई जोड़ी आंखें नम हो गईं। 

डीडी न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु रंजन ने डॉ राजेंद्र प्रसाद की उपेक्षा के लिए सीधे-सीधे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को कटघरे में खड़ा किया। सुधांशु रंजन ने बताया कि नेहरू नहीं चाहते थे की डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति बने और इसके लिए उन्होंने झूठ का सहारा लेते हुए राजेंद्र प्रसाद से यह तक कह दिया था कि वल्लभ भाई पटेल नहीं चाहते की आप राष्ट्रपति बने। लेकिन जल्द ही नेहरू के इस झूठ की कलई खुल गई और डॉ राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया। पद्मश्री राम बहादुर राय ने इसी घटना के विस्तार में जिक्र करते हुए बताया कि उस समय कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र इतना मजबूत था कि जब नेहरू ने राजेंद्र बाबू से राष्ट्रपति न बनाने की जबरन सहमति ले ली थी तब सरदार वल्लभ भाई पटेल के घर हुई एक अनौपचारिक मीटिंग में तब कांग्रेस के एक अदने से कार्यकर्ता रामनाथ गोयनका के सवालों से निरुत्तर होकर नेहरू ने राजेंद्र बाबू को राष्ट्रपति बनाने की सहमति दे दी। 

पद्मश्री राय का मानना है कि राजनीतिक पार्टियों में यह आतंरिक लोकतंत्र होना बेहद जरुरी है जो आज लुप्तप्राय हो गया है। जस्टिस फखरुद्दीन ने भी अपने वक्तव्य में संचार टाइम्स मीडिया ग्रुप के ग्रुप एडिटर पंकज कुमार के विचारों का समर्थन करते हुए इस बात पर निराशा जाहिर की, कि आज सरकार और राजनीतिक दलों ने डॉ राजेंद्र प्रसाद और खुदीराम बोस के बलिदान को भुला कर कृतघ्नता का परिचय दिया है। आज के दिन सरकार और राजनीतिक पार्टियों की तरफ से किसी बड़े कार्यक्रम का आयोजन न होना अत्यंत ही निंदनीय है। जस्टिस फखरुद्दीन ने इस मौके पर संचार टाइम्स मीडिया ग्रुप से अनुरोध किया कि इन दोनों देशभक्तों की अगली जयन्ती दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में मनाई जाए जिसे ग्रुप एडिटर पंकज कुमार ने सहस्त्र स्वीकार कर लिया। 

वरिष्ठ सांसद अश्विनी चौबे ने इस मौके पर देश में चल रहे असहिष्णुता की बेवजह के बहस को फ़ौरन बंद करने की अपील करते हुए कहा कि इसकी बजाय हमें ऐसे देश नायकों के चरित्र पर चिंतन और मनन करना चाहिए जिससे कुछ सीख मिल सके। यह देश न कभी असहिष्णु था और ना होगा। अपना दल के सांसद कुँवर हरिवंश सिंह ने जोरदार स्वर में अपने नायकों की वीरता का बखान किया और उनसे सामज एवं देश के लोगों को सीखने की सलाह दी। देशभक्ति की शाम में शामिल हुए तीनों मुंबई की हस्तियों ने अपनी-अपनी देशप्रेम की भावनाओं को व्यक्त किया। 

साहिल साहब के शेर ने देशभक्ति की लहर पैदा कर दी और शमशेर सिंह के देशभक्ति गीतों ने तो लोगों को ताली बजाने को मजबूर कर दिया। देशभक्ति की शाम में मुंबई से आये हुए तारिक उमर खान ने देशभक्तों को याद किया। इस मौके पर जयंती समारोह में उपस्थित कार्यक्रम के अध्यक्ष महंत सुरेन्द्रनाथ अवधूत ने संचार टाइम्स पत्रिका के विशेषांक का विमोचन किया, जिसमें इस बार इन दो देशरत्नों के ऊपर विशेषांक प्रकाशित किया गया था। इस मौके पर महंत जी ने कहा कि खुदीराम बोस जैसे युवाओं से सीखना चाहिए, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपने जीवन को हसते-हसते कुर्बान कर दिया। 

स्वतंत्रता सेनानी डॉ राजेंद्र प्रसाद से सीख लेनी चाहिए की शालीनता के साथ भी देश की सेवा की जा सकती है। इन अतिथियों के साथ-साथ कई अन्य अतिथियों ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। इस मौके पर उपस्थित समस्त अतिथियों ने संचार टाइम्स मीडीया को धन्यवाद दिया और कहा कि जहां इस समय स्वार्थ से हटकर कोई भी संस्था कुछ करने को तैयार नहीं और राजनीतिक दलों ने तो अपने अपने मसीहा पहले ही ढूंढ रखे हैं ऐसे में दो देशभक्तों की संचार टाइम्स मीडिया द्वारा जयन्ती मनाना वाकई सराहनीय है।

Disclaimer : The views, opinions, positions or strategies expressed by the authors and those providing comments are theirs alone, and do not necessarily reflect the views, opinions, positions or strategies of NTIPL, www.newstracklive.com or any employee thereof. NTIPL makes no representations as to accuracy, completeness, correctness, suitability, or validity of any information on this site and will not be liable for any errors, omissions, or delays in this information or any losses, injuries, or damages arising from its display or use.
NTIPL reserves the right to delete, edit, or alter in any manner it sees fit comments that it, in its sole discretion, deems to be obscene, offensive, defamatory, threatening, in violation of trademark, copyright or other laws, or is otherwise unacceptable.
रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -