आज है सकट चौथ, जरूर करें संकटनाशन स्तोत्र का पाठ
आज है सकट चौथ, जरूर करें संकटनाशन स्तोत्र का पाठ
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आप सभी को बता दें कि आज सकट चौथ व्रत है ऐसे में आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करते है. इसी के साथ आप सभी जानते ही होंगे कि भगवान गणपति मंगलकर्ता हैं और वह ही विघ्न विनाशक और कल्याणकर्ता हैं. कहा जाता है जो व्यक्ति उनकी शरण में जाता है, उसका वह कल्याण कर देते हैं. आप सभी को बता दें कि एक बार देवर्षि नारद जी भी संकट में फंस गए और वह इधर-उधर घूमे लेकिन संकट का समाधान नहीं हुआ. ऐसे में शंकर जी के कहने पर उन्होंने संकटनाशन स्तोत्र की रचना की और इस स्तोत्र का स्तवन करने वाला कभी संकट में नहीं रहता ऐसा कहते हैं. कहा जाता है इस स्त्रोत को पढ़ने वाले को उसकी हर समस्या का समाधान मिल जाता है और चतुर्थी के दिन इस स्तोत्र का यथासंभव पांच बार पाठ करना चाहिए. कहते हैं इससे ऋद्धि-सिद्धि आपके घर होंग और किसी भी प्रकार का संकट हो, गौरीपुत्र आपकी मनोकामना को पूरी करेंगे. आइए जानते हैं स्त्रोत.

संकटनाशन स्तोत्र  (नारद पुराण)

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्
भक्तावासं स्मरेनित्यम आयुष्कामार्थ सिध्दये ॥१॥

प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्
तृतीयं कृष्णपिङगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥२॥

लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धुम्रवर्णं तथाषष्टम ॥३॥

नवमं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम्एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥४॥

द्वादशेतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिध्दीकर प्रभो ॥५॥

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम ॥६॥

जपेद्गणपतिस्तोत्रं षडभिर्मासे फलं लभेत्
संवत्सरेण सिध्दीं च लभते नात्र संशय: ॥७॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥८॥

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