सिंहस्थ 2016 : तेज धूप में रमा रहे धुनि तो श्री राम का हो रहा गायन
सिंहस्थ 2016 : तेज धूप में रमा रहे धुनि तो श्री राम का हो रहा गायन
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उज्जैन : उज्जैन में सिंहस्थ 2016 को प्रथम शाही स्नान गुरूवार-शुक्रवार की दरमियानी रात से ही प्रारंभ हो गया जो कि शुक्रवार की रात बीत जाने तक जारी रहा। हालांकि शनिवार पर भी लोगों ने उज्जैन के श्री शनि मंदिर में पूजन - स्नान और पनौती दान किया। मगर सबसे अधिक महत्व 22 अप्रैल के शाही स्नान का रहा। श्रद्धालु शनिवार को भी सुबह से ही धर्म और संस्कृति की नगरी उज्जैन में मौजूद रहे।

श्रद्धालु यहां के मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं तो वहीं श्रद्धालुओं द्वारा त्रिवेणी स्थित घाट के ही साथ अन्य घाटों पर स्नान किया जा रहा है। हालाकि अब स्नान करने वाले कुछ ही लोग हैं। अब सिंहस्थ के अगले पर्व स्नान 6 मई पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। मगर सुबह से पहुंचे लोग शिप्रा मां की अर्चना कर मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं।

इसके बाद वे शहर के मंदिरों और साधु - संतों के डेरों व पांडालों की ओर निकल पड़ते हैं। यहं पर वे साधुओं की तपस्या और साधनाओं को लेकर कौतूहल रखे हुए उन्हें निहार रहे हैं। कई श्रद्धालु अपने गुरूओं, लोकप्रिय संतों और अपने आराध्य संतों के पांडालों की ओर पहुंच रहे हैं। हालांकि सिंहस्थ में हर कहीं कई आयोजन हो रहे हैं। जिसके तहत आज जीवन प्रबंधन समूह के पं. विजय शंकर मेहता के हनुमत धाम में आज पाकिस्तानी हिंदू पहुंचेंगे और श्री हनुमान दर्शन का लाभ लेंगे।

दूसरी ओर पंथपिपलाई स्थित आश्रम और संत स्वामी परमहंस की शिष्या साध्वी हेमलता दीदी की पांच दिवसीय संगीतमय श्री राम कथा का रसपान करेंगी। विश्व हिंदू परिषद मालवा प्रांत की ओर से 23 अप्रैल से 27 अप्रैल तक हर दिन दोपहर 3 बजे से इस राम कथा का आयोजन होगा। यह श्री राम कथा श्री महाकाल मंदिर के समीप स्थित श्री अशोक सिंघल परिसर में आयोजित होगी।

दूसरी ओर  दत्त अखाड़ा जोन क्षेत्र में स्वस्तिक धाम में सिंहस्थ की सफलता के लिए श्री स्वस्तिक महायज्ञ का शुभारंभ हो गया है।  सिंहस्थ 2016 के इस आयोजन में श्रद्धालु न तो धूप की परवाह कर रहे हैं और न ही देर रात्रि होने की। हालांकि दिन में कम ही श्रद्धालु सिंहस्थ क्षेत्र में होते हैं मगर जिस तरह से श्रद्धालु शहर में पहुंच रहे हैं उसके अनुपात में कई श्रद्धालु विभिन्न संतों, महंतों और साधुओं के पांडाल में पहुंच रहे हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि ये श्रद्धालु विभिन्न संतों के डेरों में होने वाले भंडारों और अन्न क्षेत्रों में प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं। श्रद्धालुओं को इसमें बड़ा आनंद मिल रहा है। कई जगहों पर तो संत और साधु और उनके सेवक ही श्रद्धालुओं की परोसदारी कर रहे हैं। 

सिंहस्थ क्षेत्र में ऐेसे तपस्वी साधु हैं जिन्हें धूप की परवाह नहीं है। ये अपने आसपास कंडे की धूनि रमा रहे हैं। कड़ी धूप में ये धुनि रमाते हैं और धुंए के बीच बैठकर ईश्वर का ध्यान करते हैं। इनकी क्रियाओं को देखने के लिए बड़े पैमाने पर श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। 

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