बॉलीवुड में कई ऐसे सिंगर हैं जो अपनी आवाज़ से लोगों का दिल जीते हुए हैं. ऐसे ही उनमे से एक हैं सिंगर साधना सरगम जो उदित नारायण के साथ मिलकर 'पहला नशा पहला खुमार' नामक गीत गा चुकी हैं. साधना सरगम ने चार दशकों के अपने करियर में दर्शकों के दिलों पर अपने सुरीले नगमों की छाप छोड़ी. उनकी मधुर आवाज़ ने हर गाने को हिट किया है. इसी के साथ आपको बता दें, साधना का जन्म महाराष्ट्र के दाभोल में 7 जुलाई, 1962 में एक संगीतकारों के परिवार में हुआ. इसी मौके पर आपको बता दें, उनकी कुछ खास बातें.
साधना सरगम का असली नाम साधना पुरुषोत्तम घाणेकर है. साधना ने 4 साल की उम्र में प्रतिष्ठित संगीत समारोह सवाई गंधर्व पर अपने संगीत की प्रस्तुति दीं. साधना बचपन से ही संगीत की शौकीन रही हैं. उन्होंने महज 6 साल की उम्र में दूरदर्शन के लिए 'सूरज एक चंदा एक तारे अनेक' नामक गीत गाया, जो काफी लोकप्रिय भी रहा. उनके मधुर तराने ने बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी झूमने पर मजबूर कर दिया.
सिंगर साधना सरगम ने भारतीय सिनेमा में अपने मधुर तरानों से समा बांधा. फिल्मी संगीत के अलावा उन्हें भक्तिगीत, शास्त्रीय संगीत, गजल, क्षेत्रीय फिल्म के गाने और पॉप अल्बम में भी विशेष रुचि रही है. इनकी खास बात ये है कि साधना ने वर्ष 1938 में 536 फिल्मों में 1,546 हिंदी,1,111 तमिल में गीत गाए. उन्होंने कथित तौर पर 1994-2015 तक 2500 बांग्ला गीत और मराठी में 3467 गाने गाए हैं. उन्होंने 34 भारतीय भाषाओं में 15000 गीत गाए हैं.
बॉलीवुड में साधना ने 'पहला नशा पहला खुमार', 'दर्द करारा', 'साईं राम साईं श्याम साईं भगवान', 'बिन साजन झूला झूलूं', 'धीरे धीरे आप मेरे', 'चंदा रे चंदा रे', 'हमको मालूम है', 'माही वे', 'क्या मौसम आया है', 'सलाम-ए-इश्क', 'अंगना में बाबा', 'मेरी नींद मेरा चैन', 'तेरा नाम लेने की', 'तुझसे क्या चोरी है', 'आइये आपका इंतजार था', 'सुनो मियां सुनो', 'सात समुंदर पार', 'ऐतबार नहीं करना' जैसे गानों को अपनी मधुर आवाज़ दी है.
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