नई दिल्ली: सदगुरु जग्गी वासुदेव ने दीवाली पर आतिशबाजी करने का समर्थन किया है. उन्होंने इसका समर्थन करते हुए कहा, वायु प्रदूषण की चिंता मतलब बच्चों को पटाखों से मिलने वाली खुशी का अनुभव करने से रोकना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि, उनके लिए अपने बलिदान के तौर पर, 3 दिनों के लिए अपने दफ्तर में चलें और उन्हें पटाखे फोड़ने का मजा लेने दें.
बता दें कि, वहीं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने बताया है कि दिवाली के दो दिन बाद यानी छह नवंबर तक दिल्ली के ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में 38 फीसद तक हिस्सेदारी पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हो सकती है. सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा है कि अक्टूबर में रिकॉर्ड वर्षा और हवा की अनुकूल दिशा की वजह से इस साल में अब तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान कम रहा है.
हालांकि छह नवंबर तक इसके बढ़कर 38 फीसद तक हो जाने का अनुमान है क्योंकि दिवाली के बाद हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की तरफ बदलने की संभावना है. पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उठने वाला धुआं उत्तर-पश्चिमी हवाओं की वजह से राष्ट्रीय राजधानी की तरफ आ जाता है। गत वर्ष, पांच नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 42 फीसद तक पहुंच गई थी। 2019 में, एक नवंबर को यह हिस्सेदारी 44 फीसद तक थी.
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