सभी बीवियों को सलाम
सभी बीवियों को सलाम
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सुबह उठ कर पत्नी को पुकारते हैं, सुनो चाय लाओ।

थोड़ी देर बाद फिर आवाज़, सुनो नाश्ता बनाओ।

क्या बात है, आज अभी तक अखबार नहीं आया।

जरा देखो तो, किसी ने दरवाजा खटखटाया।

अरे आज बाथरूम में साबुन नहीं है क्या?

देखो तो कितना गीला पड़ा है तौलिया।

अरे,ये शर्ट का बटन टूटा है, जरा लगा दो और मेरे मौजे कहाँ है, जरा ढूंढ के ला दो।

लंच के डिब्बे में आलू के परांठे दो ज्यादा रख देना।

देखो अलमारी पर कितनी धूल जमी पड़ी है, लगता है कई दिनों से डस्टिंग नही की है।

गमले में पौधे सूख रहे हैं, क्या पानी नहीं डालती हो? दिन भर करती ही क्या हो बस गप्पे मारती हो।

शाम को डोसा खाने का मूड है, बना देना।

बच्चों की परीक्षाएं आ रही हैं पढ़ा देना।

सुबह से शाम तक कर फरमाईशें कर नचाते हैं, चैन से सोने भी नहीं देते, सताते हैं।

दिनभर में बीवियां कितना काम करती हैं ये तब मालूम पड़ता है जब वो बीमार पड़ती हैं। एक दिन में घर अस्त व्यस्त हो जाता है, रोज का सारा रूटीन ही ध्वस्त हो जाता है। आटे दाल का सब भाव पता चल जाता है। बीवी की अहमियत क्या है, ये पता चल जाता है।

सभी बीवियों को सलाम।

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