मनरेगा ने दिया बेकार मजदूरों को सहारा
मनरेगा ने दिया बेकार मजदूरों को सहारा
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नई दिल्ली :  नोटबंदी के कारण बेकार हुये मजदूरों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अर्थात मनरेगा ने सहारा दिया है। योजना के तहत न केवल बीते माह दैनिक रोजगार की मांग में 60 प्रतिशत बढ़ोतरी हो गई है वहीं यह आंकड़ा इस जनवरी माह में बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

नोटबंदी ने दिहाड़ी मजदूरों का रोजगार छीन लिया था, लेकिन इसके बाद मनरेगा में अचानक ही दैनिक रोजगार की मांग में बढ़ोतरी होना शुरू हो गई। योजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नोटबंदी के बाद कई प्रवासी मजदूर प्रभावित हुये है और उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एक जानकारी के मुताबिक जुलाई से नवंबर 2016 तक मनरेगा में प्रतिदिन औसतन मजदूरी 30 लाख थी, लेकिन यह दिसंबर में 50 लाख प्रति दिन हो गई है।

गौरतलब है कि मनरेगा के तहत सौ दिनों का रोजगार देने की गारंटी होती है। अधिकारियों का यह भी मानना है कि मनरेगा में भले ही मजदूरों को काम मिलने की गारंटी हो, लेकिन नोटबंदी के कारण कई मजदूरों को भूखे मरने की नौबत तक आ गई।

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