Apr 02 2017 04:30 AM
देव पूजा के साथ माला जपने का भी विधान शास्त्रों में उल्लेखित मिलता है। माला जपने से न केवल मन को शांति प्राप्त होती है तो वहीं जिस मनोकामना से माला को जपा जाता है, उसकी इच्छा भी ईश्वर अवश्य ही पूरी करता है। अलग-अलग तरह की मालाओं का अपना विशेष महत्व है। मालाओं में रूद्राक्ष की माला अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
रूद्राक्ष, साक्षात शिव का स्वरूप माना जाता है तो वहीं रूद्राक्ष की माला पापनाशक भी मानी गई है। रूद्राक्ष की माला जपने से पापों का नाश होता है। मालाओं में सोना चांदी, स्फटिक, चंदन, रूद्राक्ष, मूंगा, शंख, हल्दी, कमल गट्टे आदि की मालाएं शामिल है।
अलग-अलग मालाएं, अलग-अलग देवी देवताओं के नाम के जप हेतु उपयोगी होती है। माला को अंगूठे से फेरना ही उचित होता है और इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि माला के मनकों पर नाखून नहीं लगे।
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