श्रीनगर: जम्मू कश्मीर घाटी में वीरान पड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार और पुनरुद्धार करने से लेकर हिमालय की गोद में शाखाओं का विस्तार कर उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने योजना बनाई है. घाटी में संघ अपना पांव पसारता नज़र आ रहा है. विस्तार की योजनाओं के अलावा आरएसएस का आलाकमान सूबे में विधानसभा क्षेत्रों के नए परिसीमन का भी समर्थन करता है, जिससे कश्मीर से अधिक सीटें मिलने पर बाद में जम्मू क्षेत्र को ज्यादा लाभ होगा.
नई दिल्ली में आरएसएस के उच्च अधिकारियों ने कहा है कि आतंकवाद से प्रभावित कश्मीर घाटी में हिन्दू धर्म के कई ऐतिहासिक मंदिर वीरान पड़े हैं और अब हिंदू श्रद्धालुओं के लिए इनका जीर्णोद्धार और पुनरुद्धार किया जाएगा. ऐसे ही एक ऐतिहासिक खीर भवानी देवी के मंदिर में गत माह वार्षिक त्योहार के अवसर पर कश्मीरी पंडितों की भारी भीड़ इकठ्ठा हुई थी. इस मौके पर गवर्नर सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर से 25 किलोमीटर दूर स्थित मंदिर में कश्मीरी पंडितों के रुकने के लिए खास इंतजाम करने के निर्देश दिए थे.
आरएसएस प्रचारक न केवल घाटी, बल्कि जम्मू में भी वीरान पड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार करने का प्रयास कर रहे हैं. प्रदेश में ऐतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्धार करने पर आरएसएस ने अपनी सालाना रिपोर्ट (2019) में लिखा है. पुरमंडल जम्मू से 40 किमी दूर देविका नदी के किनारे स्थित एक पवित्र स्थल है. कभी संस्कृत भाषा का अध्ययन केंद्र रहे इस स्थान की लंबे समय से उपेक्षा होती रही है. इसका पुनरुद्धार करने के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया गया है.
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