लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक शैक्षणिक संस्थान में ध्वजारोहण किया। इसके बाद मोहन भागवत ने संबोधन के दौरान तिरंगे के महत्व के बारे में बताया और सभी उपस्थित लोगों से भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया। मोहन भागवत ने तिरंगे को ऊर्जा और प्रेरणा का प्रतीक कहा है। इसके अलावा मोहन भागवत ने कहा है कि राष्ट्र विरोधी ताकतें देश की शांति भंग करने का प्रयास रही हैं, जिसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ रहा है।
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मोहन भागवत ने कहा है कि 70 वर्ष हो गए आजादी के, जिसके बाद हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन विश्व में अगर शांति स्थापित हुई, तो जिनके स्वार्थ की दुकान बंद होगी, ऐसे लोग कोशिश कर रहे हैं कि देश समृद्ध ना हो सके। इस प्रकार की कोशिश करने वाली शक्तियां दुनिया में हैं, अपने देश में भी ऐसी शक्तियां मौजूद हैं। मोहन भागवत ने आरएसएस के स्वयंसेवकों को सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा है कि अखबार और पत्रिका की पहुंच सीमित है लेकिन आज स्मार्टफोन हर हाथ में आ चुका है। उन्होंने कहा है कि हमें इस ओर ध्यान देना होगा, सोशल मीडिया पर कई चीजे काफी असर छोड़ती हैं।
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आरएसएस प्रमुख ने कहा है कि तेज पहुंच के कारण आम लोगों से इस जरिए जल्दी संवाद स्थापित किया जा सकता है। राष्ट्रवाद और सामाजिक समरसता के विस्तार के लिए उन्होंने इसके उपयोग पर बल दिया है। उन्होंने कहा है कि, अपने कार्यों को सोशल मीडिया पर भी दिखाना होगा। बंद कमरों में बैठक की बाबत उन्होंने कहा है कि आरएसएस की कार्यपद्धति ये नहीं है। पत्रकार जब चाहें आकर संघ की कार्यपद्धति को देख और समझ सकते हैं।
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