नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पांच मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ एक अहम बैठक की और कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में गोहत्या से लेकर अपमानजनक संदर्भों के इस्तेमाल तक के मुद्दों पर मंथन हुआ। इस दौरान दोनों पक्षों ने दोनों समुदायों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा जारी रखने के लिए समय-समय पर मिलने का संकल्प भी लिया।
मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ संघ प्रमुख भागवत की बैठक का समय आधा घंटा ही तय था, मगर ये बैठक 75 मिनट तक चली। यह बैठक संघ के दिल्ली स्थित कार्यालय उदासीन आश्रम में एक माह पहले हुई। इस बैठक में RSS चीफ मोहन भागवत के अलावा सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व AMU कुलपति और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ज़मीर उद्दीन शाह, आरएलडी नेता शाहिद सिद्दीकी और व्यवसायी सईद शेरवानी शामिल थे।
एस वाई कुरैशी और शाहिद सिद्दीकी ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि, 'बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। बैठक के बाद संघ प्रमुख भागवत ने नियमित रूप से मुस्लिम समुदाय के संपर्क में रहने के लिए 4 वरिष्ठ पदाधिकारियों को नियुक्त किया। अपनी ओर से हम मुस्लिम बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों से संपर्क कर रहे हैं ताकि संघ के साथ इस संवाद को जारी रखा जा सके।'
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