प्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मामले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा है कि अब ये मामला 'निर्णायक दौर' में है, मंदिर बनने के करीब है इसलिए हमें सोच समझकर कदम उठाना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि जनता में प्रार्थना, आवेश और आवश्यकता पड़ी तो 'आक्रोश' भी जगाया जाना चाहिए।
BUDGET 2019: सरकार दे सकती है बड़ा तोहफा, हो सकते हैं 5 बड़े ऐलान
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में कुंभ मेले में आयोजित की गई धर्म संसद को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा है कि, 'देश की दिशा भी इस उपक्रम में भटक न जाए, इसे भी ध्यान में रखना होगा। आने वाले इन चार-छह महीने के इस कार्यक्रम को ध्यान में रखकर हमें विचार करना चाहिए। मैं समझता हूं कि इन चार-छह महीने की उथल पुथल के पहले कुछ हो गया तो ठीक, किन्तु उसके बाद यह जरूर होगा, यह हम सब देखेंगे।'
सहारा ग्रुप को SC का समन, सेबी के खाते में जमा करने होंगे 9,000 करोड़
भागवत ने मोदी सरकार की परोक्ष रूप से प्रशंसा करते हुए कहा है कि पड़ोसी देशों से सताए गए हिंदू अगर यहां आते हैं तो वे भारत के नागरिक बन सकते हैं, यह किसने किया है? उन्होंने यह बात नागरिकता संबंधी विधेयक की ओर इशारा करते हुए कही, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
खबरें और भी:-
एयर इंडिया को बेचने की कोशिश में सरकार, पर कर्ज के कारण नहीं मिल रहा खरीदार