दीपावली के अंतर्गत मंगलवार को रूप चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान घरों में अभ्यंग स्नान होगा। सभी लोग सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान और पूजन करेंगे। इस दौरान लोग उबटन लगाकर स्नान करेंगे। स्त्रियों के लिए यह पर्व खास होगा। दरअसल स्त्रियां सज संवरकर पूजन - अर्चन करेंगी। इस दौरान ब्यूटी पार्लर्स में रौनक रहेगी। सड़कों, घरों, भवनों में दीपावली की जगमग रहेगी। शाम होते ही वातावरण झिलमिलाने लगेगा।
सभी भवन झिलमिलाती रोशनियों से सजे नज़र आऐंगे।
दरअसल रूप चतुर्दशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने से लोगों को नर्क की यातनाऐं नहीं भोगनी पड़ती है। इस दिन लोग उबटन से स्नान करते हैं। स्नान के बाद दीपदान होता है। प्रतीकात्मक तौर हल्दी मिले आटे के दिये को पांव लगाया जाता है।
रूपचतुर्दशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन सूर्योदय से पहले उठने वाले को कीर्ति, यश, सद्बुद्धि, समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन रूप संवारने और सौहल श्रृंगार करने का विशेष विधान है। कहा गया है कि रूप चतुर्दशी पर अभ्यं स्नान करने से त्वचा निखरती है और ईहलोक की प्राप्ति होती है।
श्रद्धालु महिलाऐं घर आंगन को रांगोली के रंगों से संवारती हैं। इस दिन दियों की जगमगाहट से लोगों के घर वृंदनवार रोशन होते हैं। रूप चतुदर्शनी के अलगे दिन कार्तिक अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन किया जाता है। ऐसे में यह दीपावली की शुरूआत होती है। रूप चतुर्दशी पर स्नान के दौरान लोग पटाखे चलाकर उत्साह मनाते हैं।