जयपुर: बीकानेर में 275 बीघा जमीन खरीद फरोख्त के मामले रॉबर्ट वाड्रा व मोरिन वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होना पड़ेगा. राजस्थान उच्च न्यायलय ने सोमवार को स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए रॉबर्ट वाड्रा व मोरिन वाड्रा को ईडी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की अदालत में की गई थी.
डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की कमजोरी के साथ खुला
सुनवाई के दौरान अदालत में केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने अपना पक्ष रखा. जबकि याचिकाकर्ता कंपनी की तरफ से कुलदीप माथुर विकास बालिया ने मामले की पैरवी की. अदालत की कार्यवाही के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने कहा है कि यह कोई प्राथमिकी नहीं है और ना ही इस मामले में कोई आरोपित है. यह केवल एक शिकायत पर की गई जांच है, जिस पर रोक नहीं लगाई जा सकती.
सप्ताह के पहले दिन बाजार में देखने को मिल रही है बढ़त
अदालत ने राजदीप रस्तोगी की इस दलील के बाद कंपनी और उसके साझेदार के लिए जारी किए गए अपने नो कोर्सिव एक्शन के आदेश को स्थगित कर दिया और कंपनी के सभी साझेदारों को ईडी के सामने पेश होने का आदेश जारी किया है. हालांकि अदालत ने भले ही नो कोर्सिव एक्शन के आदेश को स्थगित कर दिया हो, लेकिन फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक जारी रखी है. वहीं एएसजी रस्तोगी ने अदालत से यह अपील करते हुए कहा कि गिरफ्तारी का रास्ता भी खुला रखा जाए. जिस पर अदालत ने कहा है कि जरुरत पड़ने पर वे एक अर्जी दाखिल कर कोई आदेश ले सकते हैं.
खबरें और भी:-
सप्ताह के पहले दिन भी कीमतों में वृद्धि के साथ हुई पेट्रोल और डीजल की शुरुआत
अनिल अम्बानी के छोटे बेटे ने ली रिलायंस में एंट्री, इस काम से शुरू करेंगे करियर
मायावती पर अभद्र टिप्पणी कर फंसी भाजपा विधायक, महिला आयोग भेजेगा नोटिस