पटना: बिहार की राजनीति में लोजपा पर अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच सियासी रस्साकशी जारी है. पशुपति और पार्टी सांसदों द्वारा बागवत करने के बाद चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं और भाजपा भी अब उन्हें अधिक तवज्जो नहीं दे रही. ऐसे में राजद नेता तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को साथ आने का ऑफर देते हुए याद दिलाया कि कैसे लालू यादव ने 2010 में रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजने में सहायता की थी, जब लोजपा के पास कोई सांसद और विधायक नहीं थे.
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान ऐसे वक़्त में यह ऑफर दिया है, जब वो पांच जुलाई से हाजीपुर से अपनी बिहार यात्रा आरंभ कर खोई हुई सियासी जमीन फिर से हासिल करने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, भाजपा के खामोशी अख्तियार करने पर चिराग पासवान आहत हैं और लोजपा की टूट के पीछे चिराग JDU की भूमिका बता रहे हैं. ऐसे में तेजस्वी ने चिराग को अपने साथ आने का खुला ऑफर देकर बड़ा सियासी दांव खेला है.
तेजस्वी ने कहा कि, 'चिराग भाई फैसला लें कि उन्हें RSS के बंच ऑफ थॉट्स के साथ रहना है या संविधान निर्माता बाबा साहब ने जो लिखा है, उसका साथ देंगे. JDU का नाम लिए बगैर तेजस्वी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्हें लोजपा में मचे घमासान के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि, 'कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो साजिश रचने में माहिर होते हैं. इसके बाद ये लोग राज्य में सियासी घटनाओं के बारे में अनभिज्ञता भी जताते हैं.
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