बच्चे को गर्भ से ही विकास के लिए पोषण की जरूरत पड़ती है. बच्चे के जन्म के बाद उसका पहला आहार मां का दूध होता है, इस पर वह निर्भर होता है. बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास मां के दूध पर ही निर्भर होता है, इसी कारण मां को स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी जाती है.
बच्चे को सही पोषण न मिलने पर वह कुपोषण का शिकार हो जाता है. आपको जानकारी के लिए बता दे कि भारत में कुपोषित बच्चो कि संख्या दुनियाभर से कही अधिक है. भारत विकासशील देशो में सबसे आगे की कतार में है. हर साल कुपोषण को लेकर कई सर्वे किये जाते है, जिनके नतीजे बहुत ही चिंताजनक सामने आए. भारत में हर साल 5 से कम उम्र के लगभग 10 लाख बच्चो की सिर्फ कुपोषण के कारण मौत हो जाती है.
एक रिसर्च के अनुसार, इन मौतों पर रोक लगाई जा सकती है, इसके लिए जागरूकता के साथ-साथ बच्चो को सही पोषण की जरूरत है. यदि बच्चो को सही समय पर खाना दिया जाए तो वह कुपोषण का शिकार नहीं होंगे. जरूरी है कि गर्भवती महिलाओ की भी सहायता की जाए.
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