टीनएजर्स ले रहे हैं प्रोटीन सप्लिमेंटंस तो हो जाए खबरदार
टीनएजर्स ले रहे हैं प्रोटीन सप्लिमेंटंस तो हो जाए खबरदार
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चाहे वो हेल्थ ब्लॉग हो या फिर कोई वेबसाइट या टीवी, हर जगह प्रोटीन पाउडर के विज्ञापन और प्रोटीन शेक बनाने के नुस्खे तैयार रहते हैं और ऐसे में इस बात को नकारा नहीं जा सकता की ऐसा दौर जहां आजकल जो बच्चे और किशोर स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनमे से कुछ किशोर अपने खेल के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने की कोशिश कर रहे हैं। प्रोटीन पाउडर के बहुत से लाभ हैं. प्रोटीन आवश्यक अमीनो एसिड से बना होता है, जो मांसपेशियों केब्लॉक्स का निर्माण करते हैं। शोध में भी सामने आये है कि लो लोग बॉडी बिल्डिंग के लिए रेजिस्टेंस ट्रैनिग करते हैं उन्हें अगर प्रोटीन सप्लीमेंट्स दिए जाएँ तो उनकी मसल्स में काफी अच्छी ग्रोथ देखी जाती है. इसके अलावा भी काफी शोध में प्रोटीन सप्लीमेंट्स के फायदों के बारे में पता चला है.

लेकिन ज्यादातर प्रोटीन पाउडर के डब्बों पर यह चेतावनी लिखी होती है कि 18 साल की आयु के ऊपर की आयु वाले स्वस्थ वयस्कों के लिए उपयुक्त । लेकिन बहुत से किशोर इस चेतावनी की उपेक्षा करते हैं. इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार 13 साल के बच्चों के लिए 34 ग्राम, 14 से 18 वर्षीय लड़कियों के लिए 46 ग्राम, और इसी आयु वर्ग में लड़कों के लिए 52 ग्राम प्रोटीन ग्राम की सिफारिश की गई है.

एक प्रोटीन पाउडर के एक स्कूप में 24 ग्राम प्रोटीन होता है और इसके अलावा किशोर दूध व अन्य तरीकों से भी प्रोटीन प्राप्त करते हैं जिसका मतलब है कि वो जरुरत से ज्यादा प्रोटीन ले लेते हैं जो शरीर के लिए खतरनाक साबित होता है. इससे किडनी की तकलीफ हो सकती है. उनकी हड्डियों से कैल्शियम की भी क्षति हो जाती है इसके अलावा और भी बहुत सी शारीरिक तकलीफे हो सकती हैं. इसलिए किशोरों को प्रोटीन सप्लीमेंट्स छोड़कर अपनी डाइट में प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को बढ़ाना चाहिए।

साइंटिस्ट्स ने ढूँढा ख़ास प्रोटीन

विटामिन, मिनरल का खजाना है मशरुम

प्रोटीन का सबसे बढ़िया स्त्रोत है सोयाबीन

 

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