नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर राजनीतिक रूप से संवेदनशील बोफोर्स दलाली कांड की पुनः जांच कराए जाने की मांग की गई है। यह याचिका अधिवक्ता व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अजय अग्रवाल ने दाखिल की है। उन्होंने 64 करोड़ रुपये की दलालीवाले इस मामले की फिर से जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भी खत लिखा है।
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सीबीआइ के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा पर बोफोर्स घोटाले की साजिश से पर्दा हटाने के प्रयास को विफल करने का आरोप लगाते हुए अग्रवाल ने कहा है कि, उन्होंने मामले की पुन: जांच की मांग वाली पूर्व में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध किया है। अग्रवाल ने फरवरी 2018 में शीर्ष अदालत में मामले की जांच में कोताही बरते जाने का आरोप लगाने और पुन: जांच की मांग वाली याचिका दाखिल की थी। किन्तु दो नवंबर, 2018 को सर्वोच्च न्यायालय ने उसे खारिज कर दिया था।
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उल्लेखनीय है कि 1437 करोड़ का सौदा भारत व स्वीडन की हथियार कंपनी एबी बोफोर्स के मध्य 24 मार्च 1986 में हुआ था। 16 अप्रैल 1987 को स्वीडन के रेडियो ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि सौदे को तय करने के लिए भारत में राजनेताओं के साथ नौकरशाहों को भारी भरकम रिश्वत दी गई है। 22 जनवरी 1990 को सीबीआइ ने मामला दर्ज करके जांच आरम्भ की थी। मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि तत्कालीन पीएम राजीव गांधी को चुनाव में करारी मात झेलनी पड़ी थी।
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