गुरूवार को भगवान बृहस्पति देव की पूजा का विधान माना गया है. इस दिन पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस दिन बृहस्पतेश्वर महादेव जी की पूजा होती है. दिन में एक समय ही भोजन करें. पीले वस्त्र धारण करें, पीले पुष्पों को धारण करें. भोजन भी चने की दाल का होना चाहिए. नमक नहीं खाना चाहिए. पीले रंग का फूल, चने की दाल, पीले कपड़े और पीले चन्दन से पूजा करनी चाहिए. पूजन के बाद कथा सुननी चाहिए. इस व्रत से बृहस्पति जी खुश होते है तथा धन और विद्या का लाभ होता है. यह व्रत महिलाएं वश्य करें. व्रत मे केले का पूजन होता है.
1-भगवान बह्मा का केले से पूजन करें.
2-ब्राह्मणों का सम्मान करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करे.
3-कुल पुरोहित का सम्मान करके आशीर्वाद प्राप्त क रें एवं यथा शक्ति स्वर्ण का दान करें.
4-चने की दाल तथा केसर का मंदिर में दान करें, के सर का तिलक मस्तक पर लगाएं.
5-ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों का योग्य व्यक्तियों को दान करें.