नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई रेजिडेंट डॉक्टरों ने NEET-PG काउंसलिंग में देरी को लेकर अपना आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को विरोध जताया और अपने लैब कोट एप्रेन लौटा दिए, साथ ही सड़कों पर मार्च भी निकाला। डॉक्टरों ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) परिसर से सर्वोच्च न्यायालय की ओर मार्च करने का प्रयास किया। दिल्ली पुलिस ने ITO के पास उन्हें रोका इस धक्का-मुक्की में कुछ डॉक्टर और पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं।
#WATCH दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों ने NEET-PG की काउसंलिंग में हो रही देरी को लेकर धरना दिया। pic.twitter.com/aL0U9JKIqb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 27, 2021
डॉक्टरों का कहना है कि हमने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) परिसर से सुप्रीम कोर्ट तक मार्च करने की भी कोशिश की। जैसे ही हमने मार्च शुरू किया सुरक्षाकर्मियों ने हमें आगे नहीं बढ़ने दिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष ने आरोप लगाते हुए कहा कि कई डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें थाना परिसर ले जाया गया। उन्होंने यह भी इल्जाम लगाया कि पुलिस बल का उपयोग किया गया जिससे कुछ डॉक्टर जख्मी हो गए।
वहीं दिल्ली पुलिस द्वारा कहा गया कि सोमवार ITO के पास रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 7 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। पुलिस के अनुसार, जब प्रदर्शनकारियों को सड़कों से हटाया जा रहा था, तो उन्होंने पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ने का प्रयास किया। उन्होंने पुलिस वाहन के शीशे तोड़ दिए और जवानों के साथ बदसलूकी की। डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहने से केंद्र की तरफ से संचालित तीन अस्पतालों - सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीजों का उपचार प्रभावित हुआ।
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