देहरादून: हर दिन बढ़ती जा रही प्रमोशन को लेकर बढ़ता जा रहा आक्रोश लोगों में बदले कि भावना पैदा कर रहा है. वहीं प्रमोशन पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर 2 मार्च 2020 से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी के बीच प्रदेश सरकार ने कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से वार्ता के दरवाजे खोल दिए हैं. गतिरोध तोड़ने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को मोर्चे पर उतारा है. जंहा कौशिक ने कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को आज विधानसभा भवन में वार्ता के लिए बुलाया है. कार्मिक विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी किया है. बैठक में उत्तराखंड सचिवालय संघ व राज्य संयुक्त कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष व महासचिव तथा उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच के मुख्य संयोजक व सचिव संयोजक को न्योता भेजा गया है. ये सभी पदाधिकारी प्रमोशन में आरक्षण के विरोध में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की हाई पावर संयोजक मंडल में भी शामिल हैं.
सचिवों को उपस्थित होने के निर्देश: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में वित्त, कार्मिक, चिकित्सा स्वास्थ्य, राज्य संपत्ति, सैनिक कल्याण व गोपन विभाग के सचिवों को उपस्थित होने के लिए कहा गया है. कार्मिक विभाग की ओर से सभी सचिवों को पत्र भेजकर सूचना भेज दी गई है.
पंत समिति से बनी सहमति के बिंदुओं पर होगी चर्चा: मिली जानकारी के अनुसार कार्मिक विभाग के पत्र में हालांकि वार्ता के एजेंडे का जिक्र नहीं है. लेकिन आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बैठक में पूर्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत से हुई वार्ता में जिन मांगों पर सहमति बनी थी, उन पर बातचीत की जाएगी. कर्मचारियों ने करीब 13 मांगों पर कार्रवाई के लिए शिक्षक कर्मचारी समन्वय समिति बनाई थी, जिसके बैनर तले आंदोलन किया गया था. पंत से वार्ता के बाद सहमति बनी थी. इनमें से कुछ ही मांगों पर शासन ने कार्रवाई की. बाकी मांगों पर शासनादेश जारी नहीं हुए.
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