26 जनवरी, मतलब कि गणतंत्र दिवस। वही हमारा देश भारत इसी दिन गणतंत्र घोषित हुआ था। इस बार हम 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। इस दिन गांव, शहर, स्कूल, सरकारी व निजी संस्थान से लेकर देश-दुनिया में अपना राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा शान से फहराया जाता है। वही इस दिन अनेकों जगह कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में बच्चे अकसर अपने भाषण को लेकर चिंता में होते हैं।इसके अलावा वे अपने भाषण को बेहतर से बेहतर करने के लिए अनेकों वीडियोज देख लेते हैं। यदि आप भी इस मौके पर भाषण दे रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। अपने भाषण में जोड़े कुछ खास बिंदु।
बता सकते है तिरंगे के बारे में- भारत के राष्ट्रीय ध्वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है। बीच में स्थित सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है। निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। तिरंगे के बीच वाली सफेद पट्टी में अशोक चक्र अंकित है। तिरंगे के बीच स्थित इसका व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर है और इसमें 24 तीलियां हैं। इस धर्म चक्र को विधि का चक्र कहते हैं, जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ स्तंभ से लिया गया है। इस चक्र को प्रदर्शित करने का आशय यह है कि जीवन गतिशील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है।
बता सकते है भारत के राजचिह्न के बारे में - सम्राट अशोक मौर्य वंश के तीसरे राजा थे। उनका राज्य हिंदू कुश से बंगाल की खाडी तक फैला हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि कलिंग युद्ध के बाद अशोक ने बुद्ध की शरण ले ली थी, जिसके बाद उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने जीवन के प्रति श्रद्धा, सहिष्णुता, करुणा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को अपने प्रशासन का आधार बनाया। एक और चीज जो अशोक स्तंभ से ली गई है, वो है अशोक चक्र। अशोक चक्र को राष्ट्रध्वज में देखा जाता है। यह बौद्ध धर्मचक्र का चित्रण है। इसमें 24 तीलियां हैं। अशोक चक्र को कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है। इसमें मौजूद तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाती हैं।
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