नई दिल्ली : ब्याज दरों में कमी ना किए जाने की संभावना के बढ़ने के आसार के चलते फ़िलहाल अपने कार, घर और व्यक्तिगत ऋण की किश्तो में कमी आने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को अभी इसके लिए और भी इन्तेजार करना पड़ सकता है. यह इस कारण कहा जा रहा है क्योकि चालू वित्त वर्ष की ऋण एवं मौद्रिक नीति की तीसरी द्विमासिक समीक्षा में ब्याज दरों में कमी करने की संभावना रिज़र्व बैंक के द्वारा भी नहीं बताई जा रही है। इस कारण ब्याज दर में कटौती करना RBI के लिए काफी परेशानीभरा साबित हो सकता है.
सूत्र यह भी बताते है कि अधिकतर विशेषज्ञ और बैंक्स भी यही मान रहे है कि 4 अगस्त को RBI द्वारा ब्याज दर में कटौती की जाने की सम्भावनाये भी कम है क्योकि अभी भी खुदरा महंगाई दर ज्यादा है. इसके अलावा थोक महंगाई दर में गिरावट और इंडस्ट्रियल ग्रोथ में आई नरमी के कारण भारतीय उद्योग जगत यह उम्मीद लगाये बैठा हुआ है कि ब्याज दर में कुछ कटौती भी हो सकती है। यहाँ तक की केंद्र सरकार भी फिलहाल यही चाहती है कि रेट में कुछ कटौती की जाये जिससे विकास को रफ़्तार के साथ आगे बढ़ाया जा सके.
SBI की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य का यह कहना है कि, "मुझे रेट कटौती की कोई उम्मीद नहीं है". गौरतलब है कि 2 अगस्त को RBI ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी। इसके साथ ही यह इस साल की तीसरी कटौती हो गई है लेकिन आपको यह भी बता दे कि CRR और SLR में किसी तरह की कोई कटौती नहीं की गई।