नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों का आंकड़ा जारी कर दिया गया है यह आंकड़ा बेहद डरावना है। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले इस तरह के अपराधों को गंभीर बताया है। हालात ये हैं कि वर्ष 2012 से अब तक बलात्कार के मामले बढ़े हैं। केवल बलात्कार ही नहीं घरेलू हिंसा के मामले भी महिलाओं के साथ बढ़े हैं। हालात ये है कि वर्ष 2016 तक दहेज हत्या के 681 मामले बने। इतना ही नहीं सास-ससुर के विरूद्ध 13984 मामले भी दर्ज किए गए।
इस तरह के अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। स्थिति यह है कि महिलाऐं राष्ट्रीय राजधानी में शाम के समय और मध्यरात्रि में कैब में या सामान्य स्थिति में तक भी सफर नहीं कर सकती हैं। हालात ये हैं कि करीब 4 वर्ष की अवधि में बलात्कार के मामलों में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है।
वर्ष 2012 में बलात्कार के 706 मामले दर्ज हुए दरअसल वर्ष 2015 में ये मामले तीन गुना से अधिक हो गए। इस तरह के मामले 2199 हो गए। दूसरी ओर वर्ष 213 में बलात्कार के 1636 मसले हुए। अगले वर्ष 2014 में 2166 मसले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार पंद्रह वर्ष के तहत बलात्कार के मामलों में 6 गुना की बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2001 में जहां 381 मामले दर्ज हुए तो दूसरी ओर वर्ष 2015 में इस तरह के 2199 मामले दर्ज हुए।